
मनोज सिंह शुमाली, लखनऊ : उत्तर प्रदेश में होने वाले 10 सीटों के उप चुनाव से पहले बसपा को तगड़ा झटका लगा है। अलीगढ़ की खैर सीट से पूर्व विधायक प्रत्याशी डा. चारू केन ने बसपा छोड़ कांग्रेस पार्टी का हाथ थाम लिया है। इससे बसपा को तो बड़ा झटका लगा ही है, साथ ही भाजपा के समीकरण भी अब बिगड़ गए हैं। जाट बाहुल्य इस सीट पर चारू के कांग्रेस ज्वाइन करने से आने वाले चुनावों पर सीधा असर पड़ेगा।
2022 के विधानसभा चुनाव में दूसरे नंबर पर थीं चारू केन
दरअसल, 10 सीटों के इन उप चुनावों को 2027 में होने वाले यूपी विधानसभा के चुनावों के सेमी फाइनल के तौर पर देखा जा रहा है। लोकसभा चुनाव में हार के बाद भाजपा इन चुनावों में बड़ी जीत हांसिल कर 2027 के लिए बड़ा संदेश देना चाहती है। वहीं विपक्षी दल भी काफी मजबूत स्थिति में हैं।
समर्थकों संग कांग्रेस दिल्ली मुख्यालय पर ज्वाइन की पार्टी
ऐसे में खैर विधानसभा पर उपचुनाव से ठीक पहले कांग्रेस ने बसपा को तगड़ा झटका देने का काम किया है। खैर में उपचुनाव होने हैं। चारु बसपा से 2022 में खैर विधानसभा प्रत्याशी रह चुकी हैं। वह पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष चौधरी तेजवीर सिंह गुड्डू की पुत्रवधु हैं। शनिवार को उन्होंने नई दिल्ली स्थित कांग्रेस मुख्यालय में पार्टी ज्वाइन की।
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महिला कांग्रेस की राष्ट्रीय अध्यक्ष अलका लांबा ने चारू केन को संगठन की आनलाइन सदस्यता दिलाई। उनका पार्टी में स्वागत किया। चारू ने कहा कि वह राहुल गांधी और दीदी प्रियंका गांधी के नारी न्याय के नारे से प्रभावित होकर कांग्रेस में आई हैं। यह भी कहा कि बीजेपी शासनकाल में राष्ट्रीय स्तर पर और यूपी में महिला अपराध बढ़ रहे हैं। यह बड़ी ही शर्म और चिंता की बात है।
जाट बाहुल्य सीट पर अब BJP के भी बिगड़े समीकरण
दरअसल, चारू का कांग्रेस में जाना बसपा के लिए इसलिए झटका माना जा रहा है क्योंकि खैर सीट पर 2022 के चुनाव में उन्हें 65 हजार से ज्यादा वोट मिले थे। वह दूसरे नंबर पर रही थीं।
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रालोद का गढ़ मानी जाने वाली खैर विधानसभा सीट पर रालोद तीसरे नंबर पर पहुंच गई थी। जाट बाहुल्य खैर पर अब इस बदलाव से भाजपा के भी समीकरण बिगड़ गए हैं। सूत्रों की माने तो कांग्रेस इस बार खैर पर सर्वे कराकर टिकट देने वाली है। हालांकि, इसमें कोई दो राय नहीं है कि चारू केन की दावेदारी मजबूत रहेगी। अब खैर उपचुनाव में मुकाबला और दिलचस्प हो जाएगा।
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