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शहनाई से पहले शहादत, फतेहपुर का सपूत शहीद

पैतृक गांव में शहीद विजय पांडे का शव पहुंचने के बाद नम आंखों से उनको श्रद्धांजलि देते लोग।

समरनीति न्यूज, फतेहपुरः  जिले के सपूत की शहनाई से पहले शहादत हो गई। पाकिस्तान ने सीजफायर का उलंघन कर गोलीबारी की। इस दौरान गोली लगने से फतेहपुर जिले के रहने वाले विजय पांडे (27) शहीद हो गए। थाना चांदपुर के सढ़िगवां गांव के रहने वाले विजय पांडे बीएसएफ में 33वीं वाहिनी में तैनात थे। उनके पिता राजू पांडे किसान हैं।

बीएसएफ में जम्मूकश्मीर के अखनूर सेक्टर में तैनात थे फतेहपुर के चांदपुर क्षेत्र के सढ़िगवां निवासी शहीद विजय 

परिवार के लोगों ने बताया कि रविवार को बीएसएफ हेडक्वार्टर से आए फोन से उनको जानकारी हुई कि उनका लाल अब नहीं रहा। वह देश के लिए शहीद हो गया है। पता चलते ही परिवार में मातम पसर गया। आसपास के लोग भी अपना दुख-दर्द छिपा नहीं सके। आसपास शादी की तैयारियों को लेकर खुशी वाला माहौल था।

15 जून को तिलक और 20 जून को जानी थी बारात

परिवार के लोगों ने बताया कि परिवार में इस समय खुशियां छाई हुई थीं। विजय की 15 जून को तिलक था और 20 जून को बारात जानी थी। इतना ही नहीं शादी के लिए 10 जून को विजय छुट्टी पर घर आने वाले थे। उनकी छुट्टी भी मंजूर हो चुकी थी। यही वजह थी कि सभी परिजन विजय की शादी की तैयारियों में व्यस्त थे। आसपास के लोग भी परिवार की इस खुशी में शामिल थे। लेकिन होनी को कुछ और ही मंजूर था। हेडक्वाटर से फोन आने के बाद सारी खुशियां मातम में बदल गईं। सोमवार को शहीद का शव उनके पैतृक गांव पहुंचा। बड़ी संख्या में लोग शहीद को अंतिम विदाई देने पहुंचे। इस मौके पर सभी ने शहीद को श्रद्धांजलि दी। केंद्रीय मंत्री साध्वी निरंजन ज्योति भी वहां पहुंची।

शनिवार को हुई थी  माता-पिता से फोन पर बात 

शनिवार को शहीद विजय ने अपने परिवार वालों से बात की थी। उसने खुद की चिंता न करने को परिजनों से कहा था। पिता ने तिलक के लिए तंदूर लेने जाने की बात कही। इसपर बेटा विजय बोला, गर्मी में न जाएं बल्कि रविवार को सुबह कम धूप में चले जाना। पिता को बार-बार बेटे की वहीं बात याद आ रही है और उनके आंसू नहीं रुक रहे हैं।

श्रद्धांजलि देने वालों की लगी भीड़, सभी आंखें हो गईं नम  

सोमवार को शहीद का शव उनके पैतृक गांव पहुंचा तो सभी की आंखें नम हो गईं। उनको श्रद्धांजलि देने वालों की भीड़ उमड़ पड़ी। बड़ी संख्या में लोग उनके अंतिम दर्शन को पहुंचे। हर किसी की आंखें नम थीं। लोगों का कहना था शहीद पर उनको गर्व है कि उन्होंने अपने देश के लिए जान दे दी। इस दौरान केंद्रीय मंत्री साध्वी निरंजन ज्योति भी शहीद को श्रद्धांजलि देने पहुंची।