समरनीति न्यूज, ब्यूरो: यूपी की योगी सरकार के जाति आधारित रैलियों पर प्रतिबंध लगाने के फैसले का विरोध होने लगा है। सरकार के ही कैबिनेट मंत्री ने इसका विरोध किया है। निषाद पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं मत्स्य मंत्री संजय निषाद ने सरकार के इस फैसले पर विरोध जताया है। कहा है कि इससे समाज के वंचित और पीड़ित जातियों के लोगों को न्याय और सम्मान पाने में मुश्किलें आएंगी।
संजय निषाद ने कहा, पत्र लिखकर पुनर्विचार की उठाएंगे मांग
उन्होंने कहा है कि वह सरकार के इस आदेश पर पुनर्विचार की मांग उठाएंगे। यूपी सरकार और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को इसके लिए पत्र भी लिखेंगे। दरअसल, इलाहाबाद उच्च न्यायालय के एक आदेश के बाद यूपी सरकार ने जाति आधारित रैलियों पर रोक लगाई है।
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साथ ही सार्वजनिक स्थानों, वाहनों और यहां तक कि पुलिस एफआइआर आदि में जातियों के उल्लेख पर भी प्रतिबंध लगा दिया है। इस पूरे मामले में निषाद पार्टी के अध्यक्ष का कहना है कि न्यायालय के इस आदेश पर सरकार को अपील करनी चाहिए थी। कहा है कि जब संविधान में जाति प्रमाणीकरण का प्रावधान है तो फिर अभिलेखों से यह कैसे हटाई जा सकती हैं।
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