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GoodNews : बांदा में करोड़ों की लागत से PCDF लगाने जा रहा ‘पराग दूध डेयरी प्लांट’, बुंदेलियों को ये फायदे..

GoodNews : बांदा में करोड़ों की लागत से PCDF लगाने जा रहा ‘पराग दूध डेयरी प्लांट’, बुंदेलियों को ये फायदे..

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मनोज सिंह शुमाली, ब्यूरो : बांदा समेत पूरे बुंदेलखंड के लिए यह बड़ी खुशखबरी है। यहां करो़ड़ों की लागत से बड़ा डेयरी प्लांट लगने जा रहा है। स्थानीय लोगों के लिए यह बड़ी उपलब्धि होगी। पशु पालकों के साथ-साथ आम लोगों को काफी सुख-सुविधाएं मिलेंगी। साथ ही उनका जीवनस्तर सुधरेगा। दरअसल, बुंदेलखंड विकास निधि से बांदा में पीसीडीएफ द्वारा लगने वाले पराग के इस डेयरी प्लांट की लागत 55 करोड़ 98 लाख के आसपास है। यह ड्रीम प्रोजेक्ट से कम नहीं। दूध उत्पादकों की मिलेंगी उचित कीमतें, रोजगार की उपलब्धता बढ़ेगी प्लांट लगने बाद बांदा-बुंदेलखंड के दूध उत्पादकों को उचित कीमतें मिल सकेंगी। साथ ही दूध उत्पादन को बढ़ावा भी मिलेगा। आम लोगों को बड़ा फायदा यह होगा कि उन्हें दूध उत्पादों के लिए किसी एक कंपनी की निर्भरता से छुटकारा मिलेगा। सबसे बड़ी रोजगार के अवसर भी मिलेंगे। वरिष्ठ आईएएस अधिकारी आनंद कुमा...
मध्यप्रदेश के इस गांव में सभी को मुफ्त बांटा जाता है दूध और दही, बड़ी रौचक है इसकी यह वजह..

मध्यप्रदेश के इस गांव में सभी को मुफ्त बांटा जाता है दूध और दही, बड़ी रौचक है इसकी यह वजह..

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मनोज सिंह शुमाली, डेस्कः क्या आप सोच सकते हैं कि आज के दौर में एक गांव ऐसा भी होगा, जहां दूध और दही फ्री में मिलता हो। जी हां, अजीब सी लगने वाली यह बात सौ फीसद सच है। दरअसल, मध्यप्रदेश के बैतूल जिले में एक ऐसा ही गांव है जहां दूध और दही आज भी फ्री मिलता है। यही वजह है कि लोग बिल्कुल स्वस्थ और तंदरुस्त हैं, क्योंकि यहां दूध और दही बेचा नहीं जाता है। इस गांव का नाम चूड़िया है। लगभग 100 वर्षों से इसी परंपरा का निर्वहन बताया जाता है कि इस गांव के लोग दूध का व्यापार नहीं करते हैं और पालक खुद दूध और दही का इस्तेमाल खाने-पीने के लिए करते हैं। इतना ही नहीं जरूरतमंदों को मुफ्त में देते हैं। गांव के लोग अपनी इस अनोखी परंपरा को बीते करीब 100 साल से निभा रहे हैं। इस गांव में दूध का व्यापार नहीं किया जाता है। यह है गांव वालों के दूध न बेचने की वजह बताते हैं कि इस गांव में करीब 100 साल पहले एक गोसेव...