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Tag: डाक्टर

प्लेटलेट्स कम होने पर घबराइए नहीं, अब तीन गुना तेजी से होगी बढ़ोत्तरी

प्लेटलेट्स कम होने पर घबराइए नहीं, अब तीन गुना तेजी से होगी बढ़ोत्तरी

Feature, उत्तर प्रदेश, कानपुर, सेहत
समरनीति न्यूज कानपुरः बारिश के साथ बीमारियों का मौसम भी आ गया है। डेंगू, मलेरिया, वायरल बीमारियां थोड़े दिनों में ही जोर पकड़ेंगी ऐसे में प्लेट्लेट्स की डिमांड भी बढ़ेगी। अभी शहर के ब्लड बैंकों में आरडीपी यानी रेंडम डोनर प्लेटलेट्स ही मरीजों को चढ़ाने के लिए मिलते हैं, लेकिन इस सीजन से ज्यादा असरदार एसडीपी यानी सिंगल डोनर प्लेटलेट्स भी मिलेंगे। इसकी खासियत यह है कि इस प्लेटलेट्स की एक यूनिट चढ़ाने से ही मरीज में प्लेटलेट्स काउंट 50 से 60 हजार तक बढ़ जाता है। शहर में अभी बेहद सीमित प्राइवेट संस्थानों में इसकी सुविधा है। नहीं होगा इस बात का खतरा   मरीजों को सामान्य रूप में चढ़ाई जाने वाली रैंडम डोनर प्लेटलेट्स से ब्लड ट्रांसफ्यूजन से होने वाली बीमारियों का खतरा रहता है। कारण है कि क्योंकि प्लेटलेट्स बार बार चढ़ाई जाती है। वहीं सिंगल डोनर प्लेटलेट्स की एक यूनिट में ही पेशेंट की 50 से 60...
बुंदेलखंडः मासूम लाडलों को टारगेट बना रहीं बीमारियां, रहें सतर्क और बरतें सावधानियां 

बुंदेलखंडः मासूम लाडलों को टारगेट बना रहीं बीमारियां, रहें सतर्क और बरतें सावधानियां 

Breaking News, Today's Top four News, बांदा, बुंदेलखंड, सेहत
समरनीति न्यूज, बांदाः बदलते मौसम में चिपचिपाहट और उमस भरी गर्मी में तमाम तरह के संक्रमण सक्रिय हो जाते हैं। ऐसे में बुंदेलखंड में इस समय बच्चों में संक्रामक बीमारियां तेजी से पैर पसार रही हैं। खासकर आपके मासूम लाडलों को बीमारियां ज्यादा आसानी से टारगेट बना लेती हैं। ऐसे में डाक्टर की सलाह है कि अपने बच्चों का ज्यादा ख्याल रखें। खुद सतर्क रहें और सावधानियां भी बरतें। ताकि बीमारियां घर के आसपास न भटक सकें और आपके हंसते-खेलते बच्चों को बीमार न बना सकें। कौन सी बीमारियां किन वजहों से और किन हालातों में आपको परेशान कर सकती हैं और इनको कैसे रोका जा सकता है और बीमार होने पर बच्चों को सबसे पहले कैसे संभाला जाए, क्या घरेलू ट्रीटमेंट दिया जाए। इन्हीं सब मुद्दों को लेकर हमने बांदा के वरिष्ठ बाल रोग विशेषज्ञ डाक्टर विक्रम से बातचीत की। आइये जानते हैं उन्होंने बातचीत में बच्चों के पैरेंट्स को क्या ...
हत्या का पूरा खाका तैयार था बस देर थी डान मुन्ना बजरंगी के पहुंचने की, 13 गोलियों से किया छलनी

हत्या का पूरा खाका तैयार था बस देर थी डान मुन्ना बजरंगी के पहुंचने की, 13 गोलियों से किया छलनी

Breaking News, Today's Top four News, उत्तर प्रदेश, लखनऊ
समरनीति न्यूज, लखनऊः माफिया डान मुन्ना बजरंगी के शव का पोस्टमार्टम होने पर चौंकाने वाली बातें सामने आई हैं। एक तो यह कि मुन्ना बजरंगी को कुल 13 गोलियां मारी गईं। इनमें से 3 गोली उसके सिर में मारी गईं। जबकि चार गोलियां सीने में उतार दी गईं। मुन्ना बजरंगी के शरीर में गोली लगने के कुल 13 निशान मिले। लेकिन उसके शरीर के भीतर एक भी गोली नहीं मिली। इसका कारण गोलियां इतनी नजदीक से बरसाई गईं कि शरीर को पार करती हुई निकल गईं। डाक्टरों की रिपोर्ट में कहा गया है कि 13 गोलियों में 7 गोलियां सामने से मारने के निशान मिले हैं जबकि 6 गोलियां पीछे से मारे जाने के छेद मिले हैं। 20 साल से फंसी थी एक गोली, मरने पर डाक्टरों ने पोस्टमार्टम में निकाली बाहर  पोस्टमार्टम रिपोर्ट में सबसे चौंकाने वाली बात यह सामने आई है कि उसके शरीर के एक्सरे में एक 20 साल पुरानी गोली मिली है जो मुन्ना के पेट में फंसी थी। बतात...
10 साल बांदा में सेवा देकर विदा हुए डा. डीके सिंह

10 साल बांदा में सेवा देकर विदा हुए डा. डीके सिंह

बांदा, बुंदेलखंड
समरनीति न्यूज, बांदाः जिले के बदौसा में 10 साल तक सेवा करने के बाद राजकीय पशु चिकित्सालय (बदौसा) में तैनात डा. डीके सिंह ने तबादले पर विदाई ली। बताते हैं कि  पशुपालन विभाग में लगातार सेवा के बाद आज जारी इलाहाबाद के लिए उनका स्थानांतरण हो गया। उनके अच्छे स्वभाव और सौम्य व्यवहार के चलते लोगों का उनसे काफी जुड़ाव हो गया था। ..अब दुनिया सुनेगी बुंदेलखंड के किलों की वीर गाथा यही वजह रही कि उनके तबादले की खबर से लोग दुखी थे। उनको जाते समय विभागीय अधिकारी व कर्मचारियों के अलावा स्थानीय लोगों द्वारा एक विदाई समारोह का आयोजन किया गया। पशु चिकित्सालय परिसर में आयोजित इस विदाई समारोह में डा. सिंह को विदाई देते हुए उनके उज्जवल भविष्य की कामना की। लोगों ने उनको उपहार भी दिए।...
पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेई की हालत स्थिर, एम्स में रहेंगे अभी 

पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेई की हालत स्थिर, एम्स में रहेंगे अभी 

Breaking News, Feature, भारत
समरनीति न्यूज, नईदिल्लीः पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी बाजपेई की हालत स्थिर है। भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में उनका इलाज जारी है और अभी उनको एम्स में ही रखा जाएगा। उनकी सेहत को लेकर एक बुलेटिन 9 बजे जारी होगा। उनको देखने बीती शाम प्रधानमंत्री मोदी करीब 8 बजे एम्स पहुंचे और लगभग 1 घंटे वहां रूके। उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री की देखभाल कर रही चिकित्सकों की टीम से भी बात की। इससे पहले गृहमंत्री राजनाथ सिंह, भाजपा नेता अमित शाह के अलावा कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने भी पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी बाजपेई का हालचाल लिया। बताया जाता है कि श्री वाजपेई को रूटीन चेकअप के लिए एम्स ले जाया गया है। उनकी हालत स्थिर है और उनका इलाज एम्स के निदेशक डा रणदीप गुलेरिया की देख-रेख में चिकित्सकों की टीम उनका इलाज कर रही है। इससे पहले भाजपा नेता लालकृष्ण आडवानी भी उनका हालचाल लेने एम्स जा...
कानपुर हैलट अस्पताल के आईसीयू के एसी खराब, चार मरीजों की मौत 

कानपुर हैलट अस्पताल के आईसीयू के एसी खराब, चार मरीजों की मौत 

Breaking News, Feature, Today's Top four News
  कई दिन से खराब थे एसी, शिकायत पर भी नहीं जागा हैलट प्रबंधन  समरनीति न्यूज, कानपुरः कानपुर के हैलट अस्पताल केे आईसीयू के दो एसी प्लांट खराब हो जाने से चार मरीजों की मौत का मामला प्रकाश में आने से हड़कंप मच गया है। वहीं हैलट के अधिकारी भी अब एसी ठीक कराने में अब तेजी दिखा रहे हैं। बताते हैं कि हैलट के मेडिसिन विभाग के इंसेटिव केयर यूनिट यानी आईसीयू के दोनों एसी प्लांट बुधवार रात से खराब पड़े थे। इसकी शिकायत भी ड्यूटी पर तैनात सिस्टर ने की थी लेकिन फिर भी इसे हल्के में लिया गया। लापरवाही के चलते हालात इतने बिगड़ गए कि बुधवार रात को ही 2 मरीजों की मौत हो गई। बात यहीं नहीं रूकी बल्कि हरदोई के संडिला निवासी एक अन्य व्यक्ति रसूल बख्श व उन्नाव के रहने वाले एक अन्य व्यक्ति की भी गुरूवार को मौत हो गई। इसके बावजूद हैलट प्रबंधन पूरी तरह बेफ्रिक होकर बैठा रहा। आईसीयू के एसी फेल होने ...
सलादः शरीर ही नहीं दिल-दिमाग को भी रखता है दुरूस्त

सलादः शरीर ही नहीं दिल-दिमाग को भी रखता है दुरूस्त

Today's Top four News, सेहत
समरनीति सेहतः  हरे सब्जियों और हरे पत्ते जिंदगी को हरा-भरा बना देते हैं। सेहत में चार चांद लगा देते हैं। फिर भी हम अपने खाने में हरियाली के इन नुक्शों को शामिल करने में गुरैज करते हैं। इसका खामियाजा हमारी सेहत को उठाना पड़ता है। आज हम आपको बताते हैं कि खाने के साथ सलाद का क्या महत्व है और यह कितना जरूरी है। हरियाली के इन नुक्शों को दूर करके सेहत को नुकसान पहुंचाते हैं हम  आमतौर पर सलाद को हम यह मानकर खाते हैं कि इससे खाने का स्वाद बढ़ता है। जी हां, लेकिन सिर्फ स्वाद ही नहीं बढ़ता बल्कि इससे स्वास्थ भी संवरता है। सलाद शरीर के साथ आपके शरीर के साथ दिमाग और दिल को भी मजबूत करता है। ये भी पढ़ेंः जुबान को स्वाद ही नहीं तन-मन को रंगत भी देगा शहद सलाद हमारे शरीर में कोलेस्ट्रोल को नियंत्रित रखता है। इसे बढ़ने नहीं देता है जिससे दिल की बीमारियां हम पर हमला नहीं कर पाती हैं। योग और आयुर...
..और इस तरह कहें अपनी जिंदगी से डिप्रेशन को गुडबाय

..और इस तरह कहें अपनी जिंदगी से डिप्रेशन को गुडबाय

Today's Top four News, सेहत
समरनीति सेहतः  आंखों में ढेरों सपने सजाकर आज हर इंसान तरक्की की होड़ में अंधी दौड़ दौड़ता जा रहा है। रोजमर्रा की जिंदगी में सबुकछ इतना अशांत और तेजी से गुजर रहा है कि लोग खुद का आस्तित्व ही भूलते जा रहे हैं। यही वजह है कि हर कोई आज मन की शांति खो चुका है। मन की हलचल और परेशानियां जल्द ही दिमाग में भी घर बना लेती हैं। यही वजह है कि ज्यादातर लोग अशांतमन से जिंदगी जी रहे हैं और देर-सवेर डिप्रेशन का शिकार हो रहे हैं। डिप्रेशन हो हावी तो हालात नहीं , खुद को बदलने की करें कोशिश  जिंदगी सुख-दुख दो पाटों के बीच में चलती है। कभी हमें सुख मिलता है तो कभी दुख का भी एहसास होता है। जब चीजें हमारे मन की नहीं होती हैं तो हम दुखी हो जाते हैं। दुख ज्यादा गहरा होता है तो धीरे-धीरे हम डिप्रेशन में चले जाते हैं।  एक समय ऐसा आता है कि डिप्रेशन के शिकार व्यक्ति को कुछ भी अच्छा नहीं लगता है और अपनी जान तक ...
बैक पेनः कहीं कम न कर दे आपकी रफ्तार

बैक पेनः कहीं कम न कर दे आपकी रफ्तार

सेहत
अक्सर कहा जाता है कि एक उम्र के बाद कमर का दर्द स्वभाविक हो जाता है लेकिन डाक्टरों की मानें तो ऐसा कतई नहीं है। इस बात का हकीकत से कुछ लेना-देना नहीं है। अगर आप अपना ख्याल रख रहे हैं। समय से सोना और समय से जागने के साथ-साथ एक्सरसाइज और संतुलित आहार ले रहे हैं तो आप कमर दर्द से रहित जिंदगी जी सकते हैं। अगर ऐसा नहीं कर रहे हैं तो आज से ही अपनी दिनचर्या में बदलाव लाकर जिंदगी को खुशहाल बना सकते हैं। समरनीति सेहतः  आज की भागम-भाग भरी जिंदगी में खुद का ख्याल रखना बेहद मुश्किल है। हम किसी बात को सबसे ज्यादा नजरअंदाज करते हैं तो हमारी खुद की सेहत है। कंप्यूटर पर काम करने वाले लोग सारा दिन उसके सामने बैठकर गुजार देते हैं। मार्केटिंग के लोग दिनभर कार और बाइक से इधर-उधर यात्रा करके। इन दोनों ही हालात में सबसे ज्यादा बोझ हमारी कमर उठाती है जो आगे जाकर दर्द की वजह बनती है। हमारी रोजमर्रा की...