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अपने जीवन में पहली बार चुनाव हारे, 9 बार विधायक और 2 बार सांसद रहे कांग्रेसी दिग्गज खडग़े

मल्लिकार्जुन खड़गे।

समरनीति न्यूज, पॉलिटिकल डेस्कः मोदी की सुनामी में बहुत सारे नेता सत्ता से बेदखल हो गए। ऐसे नेता चुनाव हारे है जिसके बारे में कोई सोच नहीं सकता था। चुनाव हारने वालों में कांग्रेस के वरिष्ठï नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खडग़े भी शामिल हैं। खडग़े चुनाव हार जायेंगे यह कल्पना से परे था। खडग़े अपने जीवन का पहला चुनाव हारे हैं। अब तक के 11 चुनावों में उन्हें जीत मिली थी। वरिष्ठ कांग्रेसी नेता मल्लिकार्जुन खडग़े वह इस बार कर्नाटक की गुलबर्गा सीट से चुनाव मैदान में थे।

भाजपा उम्मीदवार ने 95,452 वोटों से हराया  

खडग़े को गुलबर्गा सीट से भाजपा के उमेश जाधव ने 95,452 वोटों से हराया। खडग़े को 5,24,740 वोट मिले जबकि भाजपा के उमेश जाधव को 6,20,192 वोट मिले। गौरतलब है कि उमेश जाधव कांग्रेस के ही विधायक थे और कुछ महीने पहले बागी होकर बीजेपी में शामिल हो गए थे। उन्होंने कर्नाटक विधानसभा की सदस्यता भी छोड़ दी थी। इसके बाद ही बीजेपी ने उन्हें लोकसभा चुनावों में मल्लिकार्जुन खडग़े के खिलाफ उम्मीदवार बनाया था।

कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे।

2014 के चुनाव में बच गई थी खड़गे की सीट  

खडग़े कांग्रेस के ऐसे नेता हैं जिन्होंने 2014 में पार्टी के खिलाफ चली लहर के दौरान भी अपनी सीट बचाने में कामयाबी हासिल की थी। इसके बाद वह संसदीय दल के नेता बने थे। यूपीए सरकार के कार्यकाल के दौरान वह रेल, श्रम एवं रोजगार मंत्री की जिम्मेदारी संभाल चुके हैं। खडग़े को कर्नाटक की राजनीति में दलित नेता के तौर पर माना जाता है। 2013 में कर्नाटक में हुए चुनाव के दौरान वह मुख्यमंत्री की रेस में शामिल थे लेकिन पार्टी ने उन्हें राष्ट्रीय राजनीति की कमान सौंपी।

कुछ ऐसा है खड़गे का राजनीतिक सफर 

कांग्रेस ने खडग़े को 1969 में गुलबर्गा के शहर अध्यक्ष की जिम्मेदारी सौंपी थी। 1972 में वह पहली बार विधायक बने। इसके बाद 2008 तक लगातार विधायक चुने जाते रहे। साल 2009 में उन्हें गुलबर्गा लोकसभा सीट से उम्मीदवार बनाया गया और जीत दर्ज करके वह संसद भवन पहुंचे। वह लगातार दो बार 2009 और 2014 में सांसद बने। खडग़े अपने राजनीतिक करियर में 9 बार विधायक और 2 बार सांसद रह चुके हैं।

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