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यूपी में सिंचाई-जलनिगम के 15 इंजीनियरों पर मुकदमा, 6 SDM पर भी कार्रवाई

CM Yogi's stick started

समरनीति न्यूज, लखनऊ : मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस नीति के तहत बड़ी कार्रवाई सामने आई है। विजिलेंस ने सिंचाई विभाग और जल निगम के 14 पूर्व और एक वर्तमान अभियंता के खिलाफ मुकदमा लिखा है। भ्रष्टाचार के इस मामले में विजिलेंस के लखनऊ सेक्टर ने बीते 24 घंटों के बीतर चार मुकदमें लिखे हैं।

इनमें से एक मुकदमा सिंचाई विभाग के 12 सेवानिवृत्त अधीक्षण एवं मुख्य अभियंताओं के खिलाफ दर्ज हुआ है। 3 मुकदमें जल निगम के अभियंताओं के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति के दर्ज हुए हैं। शासन की इस कार्रवाई से विभागों में हड़कंप मच गया है।

यह है पूरा मामला

बताया जा रहा है कि उप्र वाटर सेक्टर रिस्ट्रक्चरिंग परियोजना के दूसरे चरण के कामकाज के लिए शासन द्वारा आवंटित राशि से अधिक का अनुबंध की शिकायत मिली थी। यह मामला 2029 का है। इस शिकायत पर शासन ने 2019 में विजिलेंस को जांच के आदेश दिए। आरोप सही पाए गए।

12 सेवानिवृत इंजीनियर भी

इसके बाद विजिलेंस ने शासन से इंजीनियरों के खिलाफ मुकदमे की अनुमति मांगी। 18 अप्रैल 2024 को शासन की अनुमति मिली। लखनऊ सेक्टर के निरीक्षक रिजवान अब्बास ने 12 सेवानिवृत्त इंजीनियरों पर बुधवार को मुकदमा दर्ज कराया। इन सभी पर आरोप है कि 2013 में परियोजना से संबंधित शासनादेश के निर्देशों का पालन नहीं किया। शासन को करोड़ों रुपए की हानि हुई।

पैमाइश में लापरवाही भारी

प्रदेश में जमीनों की पैमाइश में लापरवाही पर 6 एसडीएम यानी उप जिलाधिकारियों के खिलाफ भी कार्रवाई होगी। शासन ने विभागीय कार्रवाई के आदेश दिए हैं। ये एसडीएम, आगरा, गाजीपुर और सुल्तानपुर की तहसीलों में तैनात हैं। बताते हैं कि कई-कई साल से पैमाइश के मामले लटके हैं।

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