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बांदा: शिवकृष्ण अस्पताल और प्रशासनिक गठजोड़ के काले कारनामे का ‘समरनीति न्यूज’ ने दो साल पहले ही कर दिया था खुलासा

'Samarneeti News' had exposed corruption in Shivkrishna Hospital two years ago

समरनीति न्यूज, बांदा: बांदा में विवादित ‘शिवकृष्ण मल्टीस्पेशलिटी हाॅस्पिटल’ फिर सुर्खियों में है। इसके निर्माण को लेकर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप हैं। बांदा पूर्व एडीएम राजेश वर्मा की पत्नी की अस्पताल में पार्टनरशिप के खुलासे से हड़कंप मचा है। एडीएम को हटा दिया गया है। मगर भ्रष्टाचार की नींव पर खड़े इस अस्पताल की चर्चा यहीं खत्म नहीं हुई। इस भ्रष्टाचार का खुलासा दो साल पहले ‘समरनीति न्यूज’ ने अपनी “बाहर सील-अंदर निर्माण ! ग्रीन बेल्ट पर बना अस्पताल” शीर्षक वाली खबर से 9 जून 2023 को कर दिया था। मगर राजनितिक पहुंच और प्रशासनिक गठजोड़ के चलते इस मामले का संज्ञान अब लिया गया।

सत्ता की धौंस के तहत चलता रहा काम-नियम कानून दरकिनार

'Samarneeti News' had exposed corruption in Shivkrishna Hospital two years ago

दरअसल, ग्रीन बेल्ट पर बनाए जा रहे इस अस्पताल को बांदा विकास प्राधिकरण के सचिव बाबू सिंह ने 2021 में सील कर दिया था। इसके बावजूद इसका भीतर ही भीतर निर्माण हुआ। न नक्शा, न नियम और न कोई कायदा-कानून। यह सबकुछ एडीएम वर्मा के बांदा विकास प्राधिकरण के सचिव बनने के बाद हुआ।

अधिकारी खुद बन बैठे विवादित अस्पताल में पार्टनर

'Samarneeti News' had exposed corruption in Shivkrishna Hospital two years ago

दरअसल, इस अस्पताल के निर्माण को लेकर शुरू से ही गंभीर सवाल उठते रहे हैं। मगर सत्ता की धौंस और अधिकारी की पार्टनरशिप के चलते बड़े स्तर पर निर्माण भ्रष्टाचार हुआ। सरकार अगर शासनस्तर से जांच करा ले तो शिवकृष्ण अस्पताल पर ताला लगने या बुल्डोजर कार्रवाई की नौबत आ सकती है। इतना ही नहीं तत्कालीन कई अधिकारियों के खिलाफ एक्शन भी होगा।

पूर्व अधिकारी भी हैरान, जब सील हुआ तो फिर बना कैसे?

एक पूर्व अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि सील खुलने का कोई ऐसा नियम ही नहीं है। जिस समय इस अस्पताल को सील किया गया था, उस समय यह ग्रीन बेल्ट पर था। फिर सील कैसे और किसने खुलवाई? किस नियम के तहत खोली गई। खोली गई या तोड़ी गई। ये सभी बड़ी जांच के बिंदु हैं।

एक अधिकारी ने कहा अस्पताल का नक्शा ही नहीं पास

Banda : Huge hospital on green belt, construction inside after being sealed !

एक अन्य अधिकारी का तो यहां तक कहना है कि शिवकृष्ण अस्पताल का नक्शा ही पास नहीं है। नक्शा पास हो भी नहीं सकता, क्योंकि जिस जमीन पर अस्पताल बना है, उसमें सड़क की जमीन भी आ रही है। साथ ही अस्पताल की कंपाउंडिंग नहीं हुई है। फायर सेफ्टी विभाग की एनओसी कैसे मिली? मिली या नहीं मिली यह भी खुद में बड़ा सवाल है। कुल मिलाकर नियम-कानून तोड़कर अस्पताल भ्रष्टाचार की नींव पर खड़ा है।

केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल ने किया उद्घाटन-यूपी के भी मंत्री..

'Samarneeti News' had exposed corruption in Shivkrishna Hospital two years ago

यह सबकुछ सत्ता-अफसरशाही और दौलत के गठजोड़ से संभव हुआ है। अभी कुछ महीनों पहले अस्पताल के उद्घाटन कार्यक्रम में केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल मुख्य अतिथि थीं। यूपी के मंत्री आशीष पटेल समेत बीजेपी के मंत्री, विधायक और सांसद के नाम भी निमंत्रण पत्र पर अतिथि के रूप में प्रकाशित हुए। एडीएम बांदा रहे राजेश वर्मा की पत्नी को साइड से 30% का पार्टनर बनाकर अफसरशाही ने पूरा सहयोग किया।

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