समरनीति न्यूज, लखनऊ/बांदाः शहर से टाइल्स शोरूम के मालिक प्रदीप के अपहरण को 24 घंटे से ज्यादा का समय बीत चुका है लेकिन अबतक उसका कोई सुराग नहीं लगा है। पुलिस पूरी तरह खाली हाथ है लेकिन पुलिस अधिकारियों ने तगड़ी घेराबंदी कर रखी है। इसलिए इस बात की आशंका बहुत कम है कि अपहरणकर्ता, अपह्रत प्रदीप को लेकर कहीं दूर जा पाएंगे।
एडीजी एसएन सावत पहुंचे बांदा, अपहरण वाली जगह का किया निरीक्षण
लेकिन जैसे-जैसे अपहरणकर्ताओं की चंगुल में अपह्रत प्रदीप के रहने का समय बढ़ता जा रहा है उससे व्यवसाई के परिवार और उसके रिश्तेदारों के साथ-साथ परिचिकतों के मन में अनहोनी को लेकर चिंता बढ़ती जा रही है। भले ही पुलिस मामले में दिन-रात एक करके अपहरणकर्ताओं की तलाश में जुटी हो। फिर भी हर किसी के जहन में गंभीर चिंताएं हैं।
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उधर, आज पुलिस महकमे के बड़े अधिकारी मौके पर पहुंचे। इलाहाबाद से खुद एडीजी जोन एसएन सावत भी बांदा पहुंचे और मौके पर अपह्रत प्रदीप के शोरूम पर जाकर वहां मौजूद कर्मचारियों से पूछताछ की। बारीकि से यह जानने की कोशिश की, कि आखिरकर घटनाक्रम में क्या-क्या और कैसे हुए। उनके साथ डीआईजी चित्रकूटधाम मंडल मनोज तिवारी और एसपी बांदा एस. आनंद भी मौजूद रहे।
मीडिया से क्या बोले एडीजी एसएन सावत
इस मौके पर बातचीत में एडीजी श्री सावत ने मीडिया कर्मियों से बातचीत में कहा कि पुलिस की कई टीमें अपहरणकर्ताओं की तलाश कर रही हैं। जल्द ही उनको पकड़ लिया जाएगा। सबसे खास बात एडीजी श्री सावत ने यह बताई कि अपहरणकर्ताओं के प्रदीप को ले जाने के बाद उनकी आखिरी लोकेशन कबरई (महोबा) के आसपास मिली है। यानी अपहरणकर्ताओं के भागने की दिशा तय है अब उनको तलाशना भर बाकी है।
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पुलिस सूत्रों की माने तो इसमें कोई शक नहीं है कि अपहरणकर्ता, व्यापारी प्रदीप का अपहरण करने के बाद उसको लेकर बांदा मंडल में ही कहीं छिपे हों। क्यों कि घटना के बाद जिस तरह से पुलिस ने नाकेबंदी की है, उससे इतना तो तय है कि मंडल की सीमा के बाहर इनोवा गाड़ी लेकर अपहरणकर्ता नहीं निकल पाए होंगे।
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लेकिन सवाल यह उठता है कि आखिरकार अपहरणकर्ता अगर मंडल से भाग नहीं पाए हैं तो आसपास कहां छिपे हो सकते हैं। यही वजह है कि पुलिस की टीमें लगातार उनकी चप्पे-चप्पे पर तलाश कर रही हैं। पुलिस अधिकारी भी इसमें कोई कोर-कसर बाकी नहीं छोड़ रहे हैं। इलाहाबाद और लखनऊ में बैठे उच्चाधिकारी भी इस मामले की लोकेशन ले रहे हैं।