समरनीति न्यूज, बांदा : जिले में दंपती व दो नाबालिग बच्चों की हत्या में दोषी युवक को अपर सत्र न्यायाधीश की अदालत ने शुक्रवार को मौत की सजा सुनाई। अदालत का यह फैसला हत्याकांड के करीब 2 साल 9 महीने बाद आया है। इसी मामले में लगभग दो दिन पहले मंगलवार को आरोपी की मां और मामला को सबूतों के अभाव में बरी कर दिया गया था। इस मामले में एक मासूम बेटी की गवाही ने मां-बाप और दो भाइयों के हत्यारे को सजा दिलाने में अहम भूमिका निभाई।
बांदा में 31 अक्टूबर 2019 को कताई मिल के पास हुई थी वारदात
बताते चलें कि 31 जनवरी 2018 की सुबह शहर कोतवाली क्षेत्र के मवई कताई मिल के पास रहने वाले महादेव और उनकी पत्नी चुन्नी तथा दो बच्चों पवन व राजकुमार की धारदार हथियारों से काटकर नृशंस ढंग से हत्या कर दी गई थी। हत्या की यह वारदात सुबह करीब साढ़े 5 बजे की गई थी। पुलिस ने मृतक महादेव के भाई की तहरीर पर उसके पड़ोसी शारदा प्रसाद की पत्नी देवा, बेटे अमित उर्फ गोली और अमित के साथ मामा देवीदीन के खिलाफ मुकदमा लिखाया था।
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इसी मामले की सुनवाई के दौरान देवा के अधिवक्ता शंकर सिंह व देवीदीन के अधिवक्ता रामस्वरूप सिंह और अमित के अधिवक्ता मनोज यादव ने अपने-अपने पक्ष की पैरवी की। सहायक शासकीय अधिवक्ता देवदत्त मिश्र ने बताया कि अपर सत्र न्यायाधीश ने देवा और देवीदीन को मंगलवार को साक्ष्य के अभाव में बरी कर दिया। वहीं आरोपी अमित को दोषी करार देते हुए उसपर फैसला सुरक्षित रख लिया था। शुक्रवार को उसे फांसी की सजा सुनाई गई। हत्याकांड के दौरान एक बेटा-बेटी बच गए थे जो हत्यारों के डर से छिप गए थे।
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