समरनीति न्यूज, डेस्कः जहां देशभर में लोग होली मना रहे हैं वहीं कांग्रेस पार्टी मध्यप्रदेश में अपनी सरकार पर छाए संकट से जूझ रही है। दरअसल, कांग्रेस सरकार को यह संकट उन्हीं की पार्टी के नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया के बागी हो जाने से पैदा हुआ है। सिंधिया अपने दो दर्जन से ज्यादा विधायकों को लेकर बेंगलुरू चले गए थे। ऐसे में बेहद कम संख्या बल के बहुमत पर सत्ता चला रही कांग्रेस की कमलनाथ सरकार संकट में आ गई है।
सिंधिया पहले शाह से मिले, अब पीएम से मिलने जा रहे
अब मंगलवार को ताजी खबर यह आई है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से सिंधिया की मुलाकात हो रही है। खुद कार चलाकर सिंधिया पहले गृहमंत्री अमित शाह से मिले और अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलने पहुंचे। हालांकि, जानकार बताते हैं कि एक दिन पहले भी सिंधिया पीएम मोदी से बात कर चुके थे। क्यास लगाए जा रहे हैं कि मध्यप्रदेश की कमलनाथ सरकार कुछ ही घंटों की मेहमान है।
बागी सिंधिया हो सकते हैं बीजेपी में शामिल, क्यास तेज
बीजेपी सूत्रों का तो यहां तक कहना है कि ज्योतिरादित्य सिंधिया जल्द ही बीजेपी में भी शामिल हो सकते हैं। कहा जा रहा है कि कांग्रेस के दो दर्जन से ज्यादा विधायक, जो सिंधिया के साथ बागी हुए हैं वे जल्द ही विधानसभा अध्यक्ष को अपना इस्तीफा भेज सकते हैं।
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इन विधायकों की संख्या 20 तक भी जा सकती है। अगर ऐसा होता है तो कुछ ही देर में शिवराज सिंह चौहान राज्य में अपनी सरकार बनाने का दावा ठोक सकते हैं। वहीं कहा जा रहा है कि ऐसे में बीजेपी सिंधिया को राज्यसभा भेज सकती है। चर्चा है कि बागी सिंधिया बीजेपी में शामिल हो सकते हैं।
ऐसे समझिए मध्य प्रदेश विधानसभा का पूरा गणित
मध्य प्रदेश में कांग्रेस सरकार को आए सियासी संकट को कुछ इस तरह से समझा जा सकता है। दरअसल, एमपी में कुल 230 विधानसभा सीटें हैं। हाल ही में 2 विधायकों का निधन होने जाने के बाद सीटें खाली हो चुकी हैं। ऐसे में अब 228 सीटें हैं। वहीं एमपी में सरकार चला रही कांग्रेस के पास 114 विधायक हैं और सरकार बनाने के लिए 115 विधायक चाहिए।
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हालांकि, कांग्रेस को चार निर्दलीय विधायकों ने समर्थन दे रखा है। वहीं बसपा के 2 और सपा के 1 विधायक के एक विधायक का भी समर्थन हासिल है। इस तरह देखा जाए तो कांग्रेस के पास कुल 121 विधायकों का समर्थन है। वहीं भारतीय जनता पार्टी के पास कुल 107 विधायक है। इस सबके बीच कांग्रेस के सिंधिया ने करीब 16 विधायकों के साथ बागी होकर कांग्रेस की मुश्किलें बढ़ा दी हैं।
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