समरनीति न्यूज, अयोध्याः रामनगरी अयोध्या में जल्द ही आजादी के वीर योद्धा एवं काकोरी कांड के महानायकों में एक शहीद अशफाक उल्ला खां के शहादत स्थल को पर्यटन स्थल के रूप में प्रतिष्ठित किया जाएगा। महान शहीद अशफाक उल्ला खां की शहादत की साक्षी रामनगरी अयोध्या में उनके शहादत स्थल को नया रूप देने की तैयारियां तेज हो गई हैं, ताकि आज के युवा और आने वाली पीढ़ियां उनके बलिदान, शहादत से प्रेरणा ले सकें। इसका मकसद जहां इस महान क्रांतिकारी से जुड़ी यादों को सहेजना है तो वहीं मौजूदा युवाओं को इतिहास से अवगत कराना भी है।
जेल प्रशासन ने भेजा शासन को प्रस्ताव
मामले में जेल अधीक्षक बृजेश कुमार ने एक प्रस्ताव बनाकर जेल मुख्यालय भेजा है। वहां से इस प्रस्ताव को पर्यटन विभाग को भेजा गया है। अब पर्यटन मुख्यालय और शासन को इस प्रस्ताव पर फैसला करना है। बताया जाता है कि शहादत स्थल के सुंदरीकरण के साथ ही काकोरी कांड के शहीदों से जुड़े साहित्य भी लोगों को वहां पढ़ने के लिए मिल सकेंगे। लोग इतिहास को ज्यादा बेहतर ढंग से जान सकेंगे। समझ सकेंगे कि आजादी के इन योद्धाओं ने किस तरह जान देकर इसकी कीमत चुकाई।
19 दिसंबर 1927 को दी गई थी फांसी
बताते चलें कि महान क्रांतिकारी अशफाक उल्ला खां को 19 दिसंबर 1927 को तत्कालीन शहर फैजाबाद (अब अयोध्या) में फांसी दी गई थी। फांसी घर को अब अशफाक के शहादत स्थल के नाम से ही पहचाना जाता है। उधर, भारत के क्रांतिकारियों पर शोध करने वाले समाजसेवी शाह आलम का कहना है कि वह शहीद अशफाक उल्ला खां से जुड़े अहम दस्तावेजों को जेल प्रशासन को देंगे।
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उन्होंने कहा है कि लखनऊ म्यूजियम में काकोरीकांड के महानायकों से संबंधित दस्तावेज उपलब्ध करा चुके हैं। यह भी कहा कि जेल अधिकारी से बात हुई है और उनकी ओर से मांग किए जाने पर वह अशफाक की जेल डायरी, अखबार की कटिंग, टेलीग्राफ, सप्लीमेंट्री, काकोरी केस की फाइल जैसे चीजें उनको सौंप दी जाएंगी। वहीं दूसरी ओर जेल अधीक्षक बृजेश कुमार की ओर से जानकारी दी गई है कि शहीद अशफाक उल्ला खां के शहादत स्थल को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने का प्रस्ताव शासन को भेजा गया है। इसे स्वीकृति मिलते ही अगली प्रक्रिया पर काम शुरू करा दिया जाएगा।
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