समरनीति न्यूज, बांदाः तिंदवारी थाना क्षेत्र के छापर गांव में शनिवार की देर शाम खाना बनाते समय आग लग जाने के कारण छात्रा अंशिका (9) पुत्री कमलेश गंभीर रूप से झुलस गई थी। उसे तिंदवारी स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कराया गया था। वहां से प्राथमिक उपचार के बाद हालत गंभीर होने पर उसे जिला अस्पताल रेफर कर दिया गया। जिला अस्पताल में उपचार के दौरान रविवार की सुबह 9:00 बजे अंशिका की मौत हो गई। मृतका के पिता कमलेश कुमार ने आरोप लगाया कि डॉक्टरों की लापरवाही के चलते उनकी बेटी की मौत हुई है। उधर, पुलिस का कहना है कि मामले की जांच की जा रही है।
पिता ने लगाया लापरवाही का आरोप
उन्होंने कहा कि उसकी बेटी पैरों की तरफ से जली हुई थी। उसके सीने तक आग नहीं पहुंच सकी थी। डॉक्टरों ने उपचार के नाम पर सिर्फ बोतलें चढ़ाने का काम किया। आरोप लगाया कि डॉक्टरों ने कोई परवाह ही नहीं की। कहा कि उसके कहने के काफी देर बाद ऑक्सीजन लेकर पहुंचे, लेकिन तब तक बेटी की मौत हो चुकी थी। उधर, शव को पोस्टमार्टम के लिए मर्चरी में रखवाया गया है। बताते हैं कि मृतक बालिका गांव के स्कूल में कक्षा-2 में पढ़ती थी। उनके दो बेटियां और एक बेटा था। अब एक बेटा और एक बेटी ही बचे हैं। बताया कि वह मजदूरी करके परिवार का पालन-पोषण करते हैं। उधर, परिवार में बच्ची की मौत से हाहाकर मच गया है। परिवार वालों का रो-रोकर बुरा हाल है।
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