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यूपी: बांदा में UPCIDA का बड़ा खेल-3 बड़े उद्यमियों को बिना सार्वजनिक सूचना आवंटित किए करोड़ों के प्लॉट-आयुक्त का एक्शन

Banda: Big game of UPCIDA-gave plots worth crores to 3 big entrepreneurs without public notice-action by commissioner

मनोज सिंह शुमाली, बांदा: बांदा में उत्तर प्रदेश राज्य औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यूपीसीडा) का बड़ा कथित प्लाॅट आवंटन घोटाला सामने आया है। यूपीसीडा के अधिकारियों और कुछ व्यापारियों की मिलीभगत से फूड पार्क बनने से पहले ही प्लाॅट आवंटन में खेल होने लगा।

कताई मिल के पास बन रहे फूड पार्क में करोड़ों के प्लाॅटों के आवंटन में खेल

आरोप है कि बिना सार्वजनिक सूचना निकाले करोड़ों के 67 हजार वर्ग मीटर के 4 बड़े प्लॉट 3 बड़े उद्यमियों को आवंटित कर दिए गए। नियम कानून को ताक पर रख दिया गया।

Scam : Balika Shree Yojana bonds missing-payment of two also, DM orders investigation

छोटे व्यापारियों ने की शिकायत, आयुक्त ने दिए आवंटन रद्द करने के आदेश

इसकी जानकारी जब जिले के छोटे उद्यमियों को हुई तो उन्होंने मंडलायुक्त अजीत कुमार से मिलकर शिकायत की। आयुक्त ने मामले में जांच के निर्देश देते हुए तत्काल यूपीसीडा को आवंटन निरस्त करने को कहा। साथ ही छोटे-छोटे प्लाॅट आवंटित करने के निर्देश दिए हैं। मामला बड़े व्यापारियों द्वारा छोटों का हक खाने जैसा है।

कताई मिल के पास बनना है 85 एकड़ भूमि पर फूट पार्क-आवंटन में पहले खेल

बताते चलें कि बांदा-बहराइच हाइवे पर शहर के बीच स्थित कताई मिल पास 85 एकड़ भूमि पर फूड पार्क बनना है। इस साल मार्च में सरकार ने फूड पार्क को मंजूरी भी दी है। पार्क को विकसित करने की जिम्मेदारी यूपीसीडा को दी गई।

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अब यूपीसीडा ने ही आवंटन में खेल शुरू कर दिया। सूत्रों की माने तो कुछ बड़े व्यापारियों ने अधिकारियों से मिलीभगत कर ली।

व्यापारियों का आरोप कि प्लाॅट आवंटन की कोई सार्वजनिक सूचना नहीं जारी हुई

आरोप है कि यूपीसीडा के अधिकारियों ने बिना सार्वजनिक सूचना के बड़े प्लाटों का आवंटन सिर्फ तीन उद्योगपतियों को कर दिया। कहा जा रहा है कि यूपीसीडा ने बिना सार्वजनिक सूचना के फूड पार्क में प्लॉट का आवंटन हुआ। सूत्रों की माने तो नियमों को भी ताक पर रखा गया।

नाराज छोटे व्यापारियों की शिकायत से खुला पूरा मामला, आयुक्त हुए सख्त

मामले की जानकारी होने पर छोटे उद्योगपति नाराज हो गए। उत्तर प्रदेश व्यापार संगठन ने 2 अगस्त को मंडलायुक्त अजीत कुमार को ज्ञापन दिया। साथ ही प्लॉटों का आंवटन निरस्त कर सार्वजनिक तौर पर समाचार पत्रों में सूचना प्रकाशित कराकर नए सिरे से प्लाॅट आवंटन की मांग की।

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आयुक्त अजीत कुमार ने स्थिति को समझते हुए यूपीसीडा को आवंटन निरस्त करने के निर्देश दिए हैं। साथ ही दोबारा से सार्वजनिक सूचना जारी करते हुए प्लॉट आवंटन को कहा है।

इन उद्यमियों को किए प्लाॅट आवंटित

  • मनोज जैन को दो प्लाॅट छह-छह हजार वर्ग मीटर
  • अजीत कुमार गुप्ता को 20 हजार वर्ग मीटर का प्लाट
  • अज्ञात कुमार गुप्ता को 35 हजार वर्ग मीटर का प्लाट

बड़े व्यापारी खा जाते हैं बड़ों का हिस्सा!

वहीं शहर के छोटे व्यापारियों का कहना है कि बांदा में गिने-चुने बड़े व्यापारी सरकारी योजनाओं का पूरा लाभ खा जाते हैं। दूसरे का नंबर ही नहीं आने देते।

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छोटे व्यापारियों का यह भी कहना है कि ज्यादातर सरकारी योजनाओं का लाभ अधिकारियों की मिलीभगत से गिने-चुने व्यापारियों को दे दिया जाता है। भूरागढ़ औद्योगिक क्षेत्र में ही यही खेल हुआ था। सरकार को ऐसे लोगों के खिलाफ जांच कराकर कार्रवाई करनी चाहिए।

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