बांदा में देसी शराब की दुकानों पर मिलावट और ज्यादा कीमत वसूली का खेल, मिलीभगत से खतरे में लाखों जिंदगियां
समरनीति न्यूज, बांदाः बांदा में शराब माफियाओं के आगे आबकारी विभाग बेबस नजर आ रहा है। यह बेबसी मजबूरी में है या मुनाफाखोरी में, इसका अंदाजा लगाना मुश्किल नहीं है। हाल ही में कानपुर में आठ से ज्यादा लोगों की मिलावटी शराब पीने से मौत हो गई थी। इससे पहले उन्नाव में मिलावटी, जहरीली शराब से दर्जनों लोगों की जानें गईं। लखनऊ से लेकर दिल्ली तक हल्ला मचा। उस वक्त बांदा में भी अभियान चलाया गया था, ये दिखाने के लिए कि हम भी चौकसी बरत रहे हैं। खानापूर्ति के बाद फिर पुराने ढर्रे पर मिलावट और मुनाफाखोरी का खेल चल पड़ा।
अफसरों की नाक तले हो रहा गौरखधंधा
चौंकाने वाली बात यह है कि कहीं दूरस्थ नहीं, बल्कि जिला मुख्यालय बांदा और आसपास के शहरी क्षेत्र की दुकानों में मिलावटी शराब की खबरें सामने आ रही हैं, लेकिन आबकारी विभाग के कानों पर जूं नहीं रेंग रही है। ज्यादातर शराब की दुकानों के ठेकेदार आबकारी नियमावली...