समरनीति न्यूज, बांदा : कोविड-19 से निपटने में सरकार व स्वास्थ्य महकमा नए तरीके अपनाने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ रहा है। इसकी बानगी राजकीय मेडिकल कालेज के माइक्रोबायोलॉजी विभाग है। यहां बीएसएल-2 (बायो सेफ्टी लैब) आरटीपीसीआर (रियल टाइम पाली मरेज चैन रिएक्शन) के जरिए कोविड-19 के नमूनों की टेस्टिंग में मील का पत्थर साबित हुआ है। इससे अब तक 1 लाख से ज्यादा टेस्ट किए जा चुके हैं। मेडिकल कालेज में बीएसएल-2 लैब में आरटीपीसीआर के जरिए कोरोना वायरस की टेस्टिंग की जा रही है।
मशीन से 1 बार में 90 नमूनों की जांच
बढ़ रहे कोरोना संक्रमण को देखते हुए 31 अगस्त को यहां आरटीपीसीआर से टेस्टिंग शुरू की गई थी। इस मशीन से एक बार में 90 सैंपलों की जांच होती है, जिसमें करीब 2 से 3 घंटे का समय लगता है। अब तक यहां 101138 लोगों की जांच की जा चुकी है। यहां कार्यरत टीम ने रोजाना 1 हजार से ज्यादा लोगों की सैंपलिंग की है। प्राचार्य डा. मुकेश यादव ने बताया कि उनकी पूरी टीम दिन रात अथक परिश्रम कर रही है। कहा कि आगे भी गुणवत्तापूर्ण कार्य जारी रखने के लिए प्रेरित है। इसी का नतीजा है कि टीम द्वारा एक लाख से टेस्टिंग की जा चुकी है।
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