Tuesday, April 30सही समय पर सच्ची खबर...

लोकसभा चुनाव में मुलायम-अखिलेश की बढ़ सकती हैं मुश्किलें, सुप्रीमकोर्ट ने सीबीआई से मांगी रिपोर्ट

सुप्रीम कोर्ट।

समरनीति न्यूज, लखनऊः सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव के साथ लोकसभा चुनाव की तैयारी में जुटे सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव की सुप्रीम कोर्ट के नोटिस से मुश्किलें बढ़ सकती हैं। आय से अधिक संपत्ति के मामले में आज सुप्रीम कोर्ट ने इनके खिलाफ सीबीआई जांच की प्रगति की मांग पर सीबीआई को नोटिस जारी कर इसकी जांच रिपोर्ट मांगी है। चीफ जस्टिस रंजन गोगोई और जस्टिस दीपक गुप्ता की बेंच ने राजनीतिक कार्यकर्ता विश्वनाथ चतुर्वेदी की नई याचिका पर आज सुनवाई की।

सीबीआई से की निर्देश की मांग 

उन्होंने सीबीआई को यह निर्देश देने की मांग की है कि वह या तो सुप्रीम कोर्ट या फिर एक मजिस्ट्रेट अदालत के समक्ष आय से अधिक संपत्ति मामले की रिपोर्ट पेश करे। मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई ने कहा कि 2007 में सीबीआई ने स्टेटस रिपोर्ट में कहा था कि पहली नजर में केस बनता है इसलिए नियमित केस दर्ज कर जांच होनी चाहिए। अब कोर्ट इस मामले में जानना चाहता है कि इस केस में क्या हुआ। केस दर्ज हुआ या नहीं।

मुलायम सिंह और अखिलेश यादव।

मुलायम के वकील ने किया विरोध 

वहीं मुलायम के वकील ने चुनाव के वक्त ऐसी याचिका का विरोध किया और कहा कि कल सब अखबारों में यह खबर होगी। चीफ जस्टिस ने कहा कि वक्त से कुछ फर्क नहीं पड़ता, क्या हुआ हमें जानना है। दरअसल, सुप्रीम कोर्ट उस याचिका पर सुनवाई कर रहा है जिसमें उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव और उनके बेटे अखिलेश यादव, प्रतीक यादव के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति के मामले में सीबीआई को जांच रिपोर्ट पेश करने का निर्देश देने की मांग की गई है।

ये भी पढ़ेंः 21 दलों ने सुप्रीमकोर्ट में दाखिल की याचिका, ईवीएम और वीवीपीएटी में 50 फीसदी की जांच की मांग

विश्वनाथ चतुर्वेदी ने 2005 में सुप्रीम कोर्ट में जनहित याचिका दायर कर सीबीआई को यह निर्देश देने की मांग की थी वह मुलायम सिंह यादव, अखिलेश, उनकी पत्नी डिंपल यादव और मुलायम के एक अन्य बेटे प्रतीक यादव के खिला  सत्ता का दुरुपयोग कर कथित तौर पर आय के ज्ञात स्रोत से अधिक संपत्ति अर्जित करने पर भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम के तहत उचित कार्रवाई करे। सुप्रीम कोर्ट ने एक मार्च 2007 के अपने फैसले में सीबीआई को निर्देश दिया था कि वह गंभीर आरोपों की जांच करे और यह पता लगाए कि समाजवादी पार्टी के इन नेताओं की आय से अधिक संपत्ति के संदर्भ में लगाए गए आरोप सही है या नहीं।

ये भी पढ़ेंः लोकसभा अमेठीः पारंपरिक सीट पर ‘बहूरानी’ के चक्रव्यूह में राहुल, तो दांव पर मोदी की प्रतिष्ठा