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चित्रकूट में ”रामराज” की दहशत के साये में 3 गांवों के सैंकड़ों लोग, अबतक 1 की ले चुका जान, 20 से ज्यादा को पहुंचाया अस्पताल

समरनीति न्यूज, चित्रकूटः धार्मिक आस्था का केंद्र माना जाने वाला चित्रकूट फिलहाल डकैत बबुली कोल की दहशत से जूझ रहा है। इसी बीच एक नया डर लोगों में और पैदा हो गया है। यह डर है ”रामराज” का। कभी काफी शरीफ और लोगों के बीच मिल-जुलकर एक अच्छी जिंदगी जीने वाले रामराज में जबरदस्त बदलाव आया। इसके बाद वह हर किसी गांव वालों को अपना दुश्मन समझने लगा और उनपर हमला करने लगा।

पहले इलाके के ही लोगों का पालतू था यह रामराज, फिर हमलावर होने के बाद उसे छोड़ दिया गया बेघर   

रामराज के हमले में एक व्यक्ति की मौत हो चुकी है तो 20 से ज्यादा लोग अस्पताल पहुंच चुके हैं। चाहे बच्चे हों, बूढ़े हों या फिर जवान। महिलाएं हों या पुरूष, रामराज किसी पर दया नहीं करता। यही वजह है कि मानिकपुर ब्लाक के तीन गांव जारोंमाफी, मारकुंडी और छेरिया सैंकड़ों लोग दहशत के साये में जी रहे हैं।

घरों से खेतों तक जाने की हिम्मत नहीं जुटा पाते हैं। जाते भी हैं तो ग्रुप बनाकर जाते हैं ताकि किसी अनहोनी के समय निपटा जा सके। लोगों की खेती-किसानी का काम पूरी तरह से ठप है।

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दरअसल, रामराज नाम का यह कोई व्यक्ति नहीं बल्कि हम बात कर रहे हैं एक वनरोज यानी नील गाय की। जो आसपास के ग्रामीणों पर हमला कर रहा है। इन गांवों में रहने वाले ग्रामीण भइया लाल, कैरा, बसंतलाल, मिठाईलाल, शिवमूरत और लखनलाल ने बताया है कि पहले यह वनरोज पास के लोगों द्वारा पालतू बनाकर रखा गया था।

लेकिन बाद में यह लोगों को मारने लगा तो इसे छुट्टा छोड़ दिया गया। इसके बाद से यह खेतों में काम करने वालों को निशाना बना रहा है। यहां का आसपास का इलाका इस वक्त इसी वन रोज (नील गाय) के आतंक से परेशान हैं।

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गांव वालों का कहना है कि यह वनरोज अबतक 20 से ज्यादा स्थानीय लोगों पर किसी न किसी तरह हमला कर उनको अस्पताल पहुंचा चुका है। इतना ही नहीं मारकुंडी के कोलन निवासी एक व्यक्ति की इस वनरोज के हमले से घायल होकर मौत भी हो चुकी है। हाल यह है कि लोग इस वनरोज के डर से खेतों पर किसान करने नहीं जाते हैं। उनको डर रहता है कि कहीं उनपर अचानक आकर हमला न कर दे।

पुलिस ने जानवर बताकर खड़े किए हाथ, वनविभाग ने जानकर भी अपना रखा है लापरवाहीपूर्ण रवैया  

हमलावर हो चुका यह वनरोज मानिकपुर इलाके के आसपास ही बना हुआ है। इलाके के किसानों का कहना है कि मामले में इलाके के थाना मारकुंडी में जाकर पुलिस से शिकायत दर्ज चुके हैं लेकिन पुलिस ने यह कहते हुए हाथ खड़े कर दिए हैं कि मामला हमला करने वाला रामराज जानवर है और इसमें पुलिस कुछ नहीं कर सकती।

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गांव वालों ने बताया है कि वन विभाग के अधिकारी भी मामले को हल्के में टाल रहे हैं। बताते चलें कि इस इलाके में वन विभाग की भूमिका वैसे भी हरे पेड़ों की अवैध कटान को लेकर काफी चर्चित रहती है।

ग्रामीणों ने प्रशासन से वनरोज को दूर जंगल में छोड़ने की मांग उठाई, ताकि खेती का काम बेरोक-टोक कर सकें  

ग्रामीणों का कहना है कि इन हालात में अगर वनरोज दोबारा किसी पर हमला कर देता है तो किसी की जान भी जा सकती है। ग्रामीणों ने कहा कि उनकी प्रशासन से मांग है कि इसको पकड़कर कहीं दूर जंगल में छोड़ दिया जाए। ताकि गांव वालों को कोई खतरा न रहे और अपना खेती-किसानी का काम अच्छी तरह से कर सकें।