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चुनाव प्रचार में जवानों की फोटो का इस्तेमाल कर रहीं राजनीतिक पार्टियों पर आयोग सख्त, दी हिदायत

जवानों की तस्वीर वाला राजनीतिक होर्डिंग।

समरनीति न्यूज, डेस्कः राजनीति और फौज, ये दो ऐसे अलग-अलग क्षेत्र हैं जिनमें वर्तमान में शायद कोई समानता नजर नहीं आती है। राजनीति और नेताओं का जिक्र आते ही आम आदमी के दिलों-दिमाग में घटिया, बेईमान और झूठी फितरत वाले इंसान उभर आते हैं जबकि फौज और फौजी का जिक्र होते ही हर व्यक्ति, देश के लिए मर मिटने वाले सच्चे वीर सपूतों के बारे में सोचने को मजबूर हो जाता है। नेता वोटों के लिए जवानों की तस्वीरों और उनकी बहादुरी का जिक्र घूमा फिराकर करते हैं और इसका फायदा उठाने से बाज नहीं आते हैं। फिलहाल ऐसे ही मामले सामने आ रहे हैं जिनपर चुनाव आयोग ने सख्त रवैया अपनाया है।

चुनाव आयोग ने सभी दलों को दी सख्त हिदायत  

चुनाव आयोग ने राजनीतिक दलों को हिदायत देते हुए कहा है कि सेना के जवानों की फोटो का इस्तेमाल चुनाव-प्रचार के लिए कतई न किया जाए। इतना ही नहीं चुनाव आयोग की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि रक्षा मंत्रालय की ओर से यह संज्ञान में लाया गया था कि कुछ राजनीतिक दल सुरक्षाबल के जवानों की फोटो का इस्तेमाल चुनाव प्रचार तथा अपने राजनीतिक प्रोपेगेंडा के लिए कर रहे हैं।

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चुनाव आयोग की ओर से यह एडवाइजरी राजनीतिक दलों को सतर्क करने के लिए जारी हुई है। इस एडवाइजरी में कहा गया है कि सुरक्षाबल देश की सीमाओं और राजनीतिक तंत्र के प्रहरी हैं। लोकतंत्र में उनकी भूमिका निष्पक्ष और गैरराजनीतिक है। बताते चलें कि हाल ही में पुलवामा आतंकी हमले के बाद से कई राजनीतिक दलों के मंच पर शहीद जवानों के फोटो लगे थे। इतना ही नहीं कुछ ने तो वायु सेना के पायलट अभिनंदन की फोटो का इस्तेमाल भी अपने राजनैतिक पोस्टरों पर करना शुरू कर दिया।

अभिनंदन की फोटो वाला राजनीतिक होर्डिंग।

साउथ दिल्ली में नेताओं संग अभिनंदन की फोटो

बता दें कि साउथ दिल्ली के किशनगढ़ बस स्टैंड के पास लगे एक पोल पर राजनीतिक पोस्टर सोशलमीडिया पर खूब वायरल हो रहा है। इस पोस्टर पर वायुसेना के जाबांज पायलट अभिनंदन का कैरीकेचर बनाकर लगाया गया है। इतना ही नहीं पूर्व मेयर सरिता गुप्ता के साथ बसंतकुंज के निगम पार्षद की भी फोटो चस्पा है। हांलाकि दोनों नेताओं का कहना है कि यह पोस्टर उन्होंने नहीं लगवाए हैं।

योगेंद्र यादव ने उठाया सवाल, आयोग से पूछा

दरअसल, चुनाव विश्लेषक योगेंद्र यादव ने इसपर सवाल उठाते हुए पोस्टर को ट्वीट करते हुए चुनाव आयोग को टैग किया है। यादव ने पूछा कि इस पोस्टर विज्ञापन पर क्या कार्रवाई होगी। जवाब में चुनाव आयोग ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि आचार संहिता लागू होने के बाद ऐसे विज्ञापनों पर गौर किया जाएगा। बताते चलें कि पोस्टर विज्ञापन को लेकर बीजेपी अब विपक्षी दलों के निशाने पर आ गई है। विपक्षी दल लगातार ट्विटर पर बीजेपी को घेर रहे हैं। इससे पहले विपक्ष ने बीजेपी पर पुलवामा हमले के राजनीतिकरण का भी आरोप लगाया था।

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