

समरनीति न्यूज, बांदा : पारिवारिक कलह-कलेश और निराशा के चलते लोग खुद का अनमोल जीवन गवां रहे हैं। कहा जा रहा है कि बांदा में सड़क हादसों के बाद सबसे ज्यादा अगर मौतें हो रही हैं तो उसकी वजह आत्महत्याएं हैं। अगर ऐसा है तो यह सचमुच चिंता का विषय है। बीते 24 घंटों में तीन युवकों ने पारिवारिक कलह-कलेश में मौत को गले लगा लिया। परिवारों में कोहराम मचा है। पुलिस ने शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेजा है।
कालिंजर क्षेत्र में हुई पहली घटना
जानकारी के अनुसार कालिंजर थाना क्षेत्र के सढ़ा गांव के मजरा धनेश्वरपुरवा राकेश (28) ने जहर खा लिया। परिवार के लोग पहले नरैनी स्वास्थ्य केंद्र और फिर मेडिकल कालेज बांदा लेकर पहुंचे। वहां इलाज के दौरान उनकी सांसें थम गईं। मृतक के ताऊ जयपाल का कहना है कि शराब पीकर घर पहुंचे राकेश ने पत्नी से विवाद के बाद जान दे दी।
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उधर, अतर्रा थाना क्षेत्र के महोतरा गांव के धर्मेंद्र (30) ने गुरूवार शाम जहर खा लिया। हालत बिगड़ने पर परिजनों को पता चला। मेडिकल कालेज में इलाज के दौरान उन्होंने भी दम तोड़ दिया। पिता ने बताया कि मृतक परिवार का इकलौता बेटा था। मानसिक रूप से परेशान रहता था।
रेउना में 17 साल के किशोर ने लगाई फांसी
परिवार में मृतक अपने पीछे पत्नी गुड़िया के अलावा एक बेटा और एक बेटी छोड़ गया है। एक अन्य घटना में शहर कोतवाली क्षेत्र के रेउना गांव के अभिषेक (17) ने गुरुवार शाम फांसी लगाकर जान दे दी। मृतक के चाचा श्यामलाल का कहना है कि किशोर एक दिन पहले चित्रकूट से लौट था। कमरा बंद करके फांसी लगा ली। घटना का कारण अज्ञात बताया गया है।
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