समरनीति न्यूज, बांदा: खेल और खिलाड़ियों के प्रोत्साहन के लिए उत्तर प्रदेश सरकार लगातार प्रयास कर रही है। मगर अधिकारियों की उदासीनता के चलते बांदा के स्पोर्ट्स स्टेडियम का हाल बेहाल है। प्रशासनिक उदासीनता के चलते खिलाड़ियों के साथ बड़ा अन्याय हो रहा है। क्रिकेट की पिच टूटी पड़ी हैं। जरा सी बारिश में ग्राउंड में पानी भर जाता है।
बीते 13 साल से बंद पड़ा स्विमिंग पूल-टूटकर हुआ जर्जर
स्टेडियम में बना स्विमिंग पूल बीते 13 वर्षों से अपनी दुर्दशा पर आंसू बहा रहा है। इसमें उतरना तो दूर, पास खड़े होने से सड़े पानी की बदबू रुकने तक नहीं देती।
मरम्मत की गुंजाइश ही नहीं, दोबारा निर्माण एक मात्र विकल्प
अब इस पूल की हालत यह है कि मरम्मत के लायक भी नहीं बचा। दोबारा निर्माण ही एक विकल्प है। खुद अधिकारी भी इस बात को मान रहे हैं। ऐसे में समझा जा सकता है कि बांदा के लोगों के लिए भीषण गर्मी में तैराकी का आनंद लेना कितना कठिन है। या फिर तैराकी के गेम में अपना भविष्य तलाशने वाले बच्चों के लिए यह दूर की कौड़ी बनकर रह गया है।
जिला उप क्रीड़ा अधिकारी कल्पना कमल ने कहीं ये बातें..
इस बारे में जिला उप क्रीड़ा अधिकारी कल्पना कमल से बात की गई। उनका कहना है कि वह लगातार विभागीय अधिकारियों से इस संबंध में पत्राचार कर रही हैं। उनका पूरा प्रयास है कि स्विमिंग पूल और स्टेडियम की क्रिकेट प्रैक्टिस पिच पूरी तरह से उपयोगी बनाई जाए। उन्होंने बताया कि हाल ही में जिलाधिकारी मैडम ने निरीक्षण भी किया है। उन्होंने कहा कि उन्हें पूरी उम्मीद है कि जल्द ही सब कुछ बेहतर होगा।
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