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क्रिश्चियन मिशेल ने अदालत से कहा, मैंने ईडी के सामने नहीं लिया किसी का नाम

क्रिश्चिचेन मिशेल।

समरनीति न्यूज, डेस्कः अगस्ता वेस्टलैंड वीवीआईपी हेलीकॉप्टर घोटाले के कथित बिचौलिए क्रिश्चियन मिशेल ने दिल्ली अदालत को बताया कि प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के समक्ष पूछताछ के दौरान उन्होंने किसी का भी नाम नहीं लिया है। मिशेल ने सवाल उठाते हुए कहा कि ईडी ने पूरक आरोपपत्र की प्रति उनके साथ साझा करने से पहले ही इसका ब्यौरा मीडिया में लीक कर दिया। मीङ्क्षडया में कहा जा रहा है कि उन्होंने नाम लिया है। इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक मिशेल की याचिका पर विशेष जज अरविंद कुमार ने ईडी को नोटिस जारी कर शनिवार तक जवाब मांगा है। ईडी आज अपना जवाब कोर्ट में देगी।

2013 में हुआ था अगस्ता वेस्टलैंड वीवीआईपी हेलीकाप्टर घोटाला 

मिशेल के वकील अल्जो के जोसेफ ने अदालत को बताया, ‘ईडी ने मिशेल से लोगों के कुछ संभावित इनिशियल देने को कहा था और उसने वही किया। उन्होंने (मिशेल) ने ईडी के समक्ष अपने बयान में किसी का नाम नहीं लिया।’ गौरतलब है कि 2013 में संप्रग सरकार के समय अगस्ता वेस्टलैंड वीवीआईपी हेलीकॉप्टर घोटाला सामने आया था। इसमें कई भारतीय राजनेताओं और सैन्य अधिकारियों पर अगस्ता वेस्टलैंड से मोटी घूस लेने का आरोप है।

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इसमें ब्रिटिश मूल के मिशेल पर अगस्ता वेस्टलैंड वीवीआईपी हेलीकॉप्टर घोटाले में 6 करोड़ यूरो की दलाली में अहम भूमिका निभाने का आरोप है। जांचकर्ताओं के मुताबिक 1997 से 2013 के बीच मिशेल ने भारत के 300 दौरे किए थे। ईडी की ओर से संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) की अदालत में दाखिल चार्जशीट में नामजद कथित बिचौलियों में क्रिश्चयन मिशेल का नाम भी शामिल है। इसके बाद मिशेल दुबई में हिरासत में था। दुबई से प्रत्यर्पण के बाद ईडी ने उसे पिछले वर्ष 22 दिसंबर को गिरफ्तार किया था। वकील ने लगाया ईडी पर आरोप पत्र लीक करने का आरोप मिशेल के वकील जोसेफ ने अदालत से आग्रह किया कि वह ईडी से पूछे कि यह आरोप पत्र मीडिया में कैसे लीक हुआ।

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ईडी ने मिशेल के बयान का हवाला देते हुए कहा था कि क्रिश्चियन मिशेल के मुताबिक, एपी का मतलब अहमद पटेल और फैम का मतलब फैमिली यानी परिवार है। जोसेफ ने कहा कि ईडी ने जानबूझकर आरोपपत्र की प्रति मीडिया को मुहैया कराई और मीडिया मामले को सनसनीखेज बनाने के लिए इसे किश्तों में प्रकाशित कर रही है। इसपर जज ने कहा कि ईडी का पक्ष सुने बिना इस याचिका पर आदेश पारित नहीं किया जा सकता। अदालत आज इस पर फैसला करेगा कि क्या आरोप पत्र पर संज्ञान लेते हुए आरोपी को समन किया जाए।

4 अप्रैल को दायर हुई चार्जशीट 

मालूम हो कि 4 अप्रैल को दायर चार्जशीट में आरोपियों की सूची में तीन नए नाम सामने आए, जिनमें से एक डेविड नाइजेल जॉन सिम्स है, जिसके बारे में ईडी का कहना है कि वह मिशेल का बिजनेस पार्टनर हैं और उसकी दो कंपनियां एम/एस ग्लोबल ट्रेड एंड कॉमर्स लि. और एम/एस ग्लोबल सर्विसेज एफजेडई है। चार्जशीट में लगाए गए आरोपों को नकारते हुए मिशेल के वकील ने कहा, ‘ईडी अदालत में निष्पक्ष सुनवाई की इच्छुक नहीं है और वह चाहती है कि इस मामले का ट्रायल मीडिया में ही हो जाए, जो आरोपियों के अधिकारों को लेकर पूर्वाग्रह पैदा कर रहा है।

मिशेल के वकील जोसेफ ने ईडी पर लगाए आरोप 

‘जोसेफ ने कहा, ‘ईडी न्यायिक प्रक्रिया का मज़ाक बना रहा है।’ मिशेल की याचिका में कहा गया, ‘प्रत्यर्पण संधि राजनीतिक अपराधों में शामिल आरोपियों के प्रत्यर्पण पर रोक लगाती है और सरकार अब राजनीतिक उद्देश्यों के लिए ईडी और अन्य जांच एजेंसियों का इस्तेमाल कर रही हैं।’ वकील ने कहा, ‘चार्जशीट की प्रति आरोपी को देने से पहले मीडिया में लीक कर दी गई। यहां इस बात का जिक्र करना जरूरी है कि ईडी सरकार के हाथों की कठपुतली की तरह काम कर रही है और मीडिया में चार्जशीट की प्रति लीक करना उनके परोक्ष उद्देश्यों को दर्शाता है।

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