समरनीति न्यूज, बांदा : पर्यावरण संरक्षण एक व्यापक विषय है। इसकी महत्ता मानव जीवन से जुड़ी है। जबतक प्रकृति है, तबतक जीवन है। पर्यावरण संरक्षण सिर्फ पेड़ लगाने तक सीमित नहीं है, बल्कि यह बेहद बड़ा विषय है। इसके प्रति हम सभी को गंभीर होना होगा। आम लोगों में जागरूकता पर्यावरण से जुड़ी तमाम समस्याओं के विरुद्ध बड़ा हथियार बन सकती हैं। बिना जागरूकता के पर्यावरण संरक्षण की दिशा में कोई भी प्रयास नाकाम साबित होगा।
हम सभी को आगे आकर पहल करनी होगी। ‘समरनीति न्यूज’ के मंच पर हमने प्रबुद्धजनों से बात करते हुए पर्यावरण संरक्षण पर उनके विचार जाने। सिटी मजिस्ट्रेट से बात कर सरकारी तैयारियों की टोह ली। पढ़िए प्रमुख अंश..
सेहत और प्रकृति के बीच अनमोल रिश्ता
विक्रम चाइल्ड सेंटर के बाल रोग विशेषज्ञ डा. जे विक्रम का कहना है कि सेहत और प्रकृति के बीच अमनोल रिश्ता है। ऐसे में पर्यावरण संरक्षण की महत्ता को समझना और समझाना जरूरी है। यह एक ऐसा विषय है जिसके बहुत ही व्यापक मायने हैं। असीमित फायदे भी हैं। हम सभी का कर्तव्य है कि पर्यावरण संरक्षण की दिशा में जल्द से पहल करें। तभी हम स्वस्थ रहेंगे। आने वाली पीढ़ी को भी स्वस्थ जीवन दे पाएंगे। इंसान को स्वस्थ रहने के लिए आसपास स्वच्छ प्राकृतिक माहौल जरूरी है।
ये प्राकृतिक विभिन्नता के कारण ही है कि गांव में लोग शहरी वातावरण की अपेक्षा ज्यादा स्वस्थ रहते हैं। लोगों से यही अपील है कि हर इंसान अपने जीवन में ज्यादा से ज्यादा वृक्ष लगाए। साथ ही उनका संरक्षण भी करे। यानी वृक्षारोपण करने से आपकी जिम्मेदारी पूरी नहीं हुई है। बल्कि उसके बड़ा होने तक देखभाल करना भी कर्तव्य है। ग्लोबल वार्मिंग का खतरा लगातार बढ़ रहा है।
पर्यावरण की रक्षा करना हमारा कर्तव्य
भागवत प्रसाद मेमोरियल स्कूल की डायरेक्टर संध्या कुशवाहा का कहना है कि जलवायु परिवर्तन वैश्विक संकट बन चुका है। ग्लोबल वार्मिंग के कारण पृथ्वी का तापमान बढ़ रहा है। ग्लेसियर्स पिघल रहे हैं। समुद्र का जलस्तर बढ़ रहा है। इसका प्रभाव कृषि, वनस्पति और मानव जीवन पर भी सीधा पड़ रहा है। कई वन्य जीव प्रजातियां विलुप्त हो चुकी हैं। कई विलुप्त होने के कगार पर हैं। साथ ही मौसम चक्र में भी अनियमितता देखने को मिल रही है।
हम सभी को बिना देर किए पर्यावरण को संरक्षित करना होगा। इसके लिए सबसे पहले वृक्षारोपण को बढ़ावा देना होगा। फिर वनों की कटाई को भी रोकना होगा। प्लास्टिक का कम से कम उपयोग कर रिसाइक्लिंग को बढ़ावा देना होगा। जब तक हम नहीं समझेंगे कि पर्यावरण संरक्षण केवल सरकार का नहीं, बल्कि हमारा भी कर्तव्य है। तब तक सफल नहीं होंगे। हमें अपनी जीवन शैली में छोटे-छोटे बदलाव करने होंगे।
पर्यावरण संरक्षण को आगे आकर काम करना होगा
बचपन स्कूल की डायरेक्टर प्रवी यादव का कहना है कि आज बदलते परिवेश में पर्यावरण संरक्षण की महत्ता से इंकार नहीं किया जा सकता। पर्यावरण स्थिरता, आर्थिक विकास और सामाजिक कल्याण के लिए वृक्षारोपण बेहद महत्वपूर्ण है। पर्यावरण की दृष्टि से जलवायु परिवर्तन को रोकने में मदद मिलती है। एक पेड़ से कई फायदे होते हैं। ग्लोबल वार्मिंग-मौसम चक्र के असंतुलन को रोका जा सकता है। आर्थिक रूप से देखें तो वृक्ष लकड़ी, कागज जैसे उद्योगों के लिए कच्चे माल की आपूर्ति करते हैं।
ग्रामीण अर्थव्यवस्था को बढ़ावा मिलता है। सामाजिक रूप से देखें तो हरे-भरे स्थान सामुदायिक कल्याण को बढ़ाते हैं। पेड़ विभिन्न जीव प्रजातियों को आवास प्रदान कर जैव विविधता को संरक्षित करते हैं। पर्यावरण संरक्षण में पेड़ों की अद्भुत भूमिका है। पेड़ हमारे स्थायी भविष्य के लिए अपरिहार्य हैं। हम सभी को पर्यावरण संरक्षण की दिशा में आगे आकर काम करना होगा। खुद की जिम्मेदारी को समझना होगा।
लाखों की संख्या में वृक्षारोपण, नि:शुल्क वितरण भी
सिटी मजिस्ट्रेट संदीप केला का कहना है कि पर्यावरण संरक्षण ऐसा विषय है जिसको लेकर हम सभी को अपनी जिम्मेदारियों को भी समझना होगा। सिर्फ सरकार पर निर्भर नहीं रहना चाहिए। बल्कि खुद भी प्रयास करना चाहिए। हमारे छोटे-छोटे प्रयास बड़ा बदलाव ला सकते हैं। यह कहना है कि बांदा के सिटी मजिस्ट्रेट संदीप केला का। सिटी मजिस्ट्रेट ने बताया कि सरकार पर्यावरण संरक्षण की दिशा में बड़े कदम उठा रही है।
बांदा में इस बार लाखों वृक्षों को रोपित करने का अभियान चल रहा है। निशुल्क पौधे वितरित किए जा रहे हैं। इनमें छायादार और फलदार दोनों तरह के पौधे हैं। वन विभाग और उद्यान विभाग की नर्सियों से निशुल्क पौधे उपलब्ध हैं। सभी से अपील है कि पौधरोपण के लिए आगे आएं। तभी हम खुद के लिए और अपनों के लिए एक स्वस्थ पर्यावरण तैयार कर सकेंगे।
प्रकृति के अत्यधिक दोहन से बिगड़ रहा संतुलन
दिल्ली वर्ल्ड पब्लिक स्कूल की प्रिंसिपल अपर्णा पांडे का कहना है कि विज्ञान के क्षेत्र में असीमित प्रगति तथा नये आविष्कारों की स्पर्धा के कारण आज का मानव प्रकृति पर पूर्णतया विजय प्राप्त करना चाहता है। इस कारण प्रकृति का संतुलन बिगड़ गया है। वैज्ञानिक उपलब्धियों से मानव प्राकृतिक संतुलन को उपेक्षा की दृष्टि से देख रहा है। दूसरी ओर धरती पर जनसंख्या की निरंतर वृद्धि, औद्योगीकरण एवं शहरीकरण की तीव्र गति से जहाँ प्रकृति के हरे भरे क्षेत्रों को समाप्त किया जा रहा है।
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वहीं दूसरी और प्रकृति के अत्यधिक दोहन के कारण न केवल मानव जाति को बल्कि पृथ्वी पर रहने वाले सभी प्राणियों को ऐसे वातावरण में धकेल दिया है जहां स्वस्थ जीवन की मात्र कल्पना कर सकते हैं। नए रोग प्रकृति का अत्यधिक दोहन के कारण ही समाज में उपजे हैं। ऐसे में हम सभी को पर्यावरण संरक्षण के लिए बढ़-चढ़कर काम करना होगा। इसके लिए वृक्षारोपण करना अनिवार्य है।
अच्छी सेहत के लिए स्वच्छ प्राकृतिक वातावरण जरूरी
रानी दुर्गावती मेडिकल कालेज के ईएमओ डा. विनीत वर्मा का कहना है कि सेहत और प्रकृति के रिश्ते को आप नकार नहीं सकते हैं। एक डाक्टर होने के नाते हम इस बात को मानते हैं कि मानव स्वास्थ के लिए स्वस्थ पर्यावरण होना जरूरी है। हर इंसान को अपने जीवन में ज्यादा से ज्यादा वृक्षारोपण करना चाहिए। जिस पेड़ को लगाएं, उसे संरक्षण भी जरूर दें। तभी प्राकृतिक संतुलन कायम रहेगा। क्योंकि पर्यावरण संरक्षण हम सभी की जिम्मेदारी है।
हम सभी का पहला कर्तव्य है। हम लोगों को प्लास्टिक के उपयोग से बचना चाहिए। जहां तक हो सके पर्यावरण के संरक्षण पर फोकस करना चाहिए। इसके लिए छोटी-छोटी आदतें बदलनी होंगी। प्लास्टिक निर्भरता कम करनी होगी। इस समय ग्लोबल वार्मिंग का खतरा सबसे ज्यादा है। इससे हम सभी को मिलकर लड़ना है। पेड़ लगाकर इसकी शुरूआत की जा सकती है।
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