समरनीति न्यूज, बांदा: भाजपाइयों में अंतरकलह का अखाड़ा बनी जिला पंचायत से बड़ी खबर है। करोड़ों की हेरफेर की जांच में जिपं अध्यक्ष सुनील पटेल दोषी पाए गए हैं। सूत्रों का कहना है कि महोबा जिलाधिकारी की जांच में जिपं अध्यक्ष को दोषी पाया गया है। जांच में जिला पंचायत अध्यक्ष पर लगे आरोप सही पाए गए। खास बात यह है कि यह आरोप खुद भाजपा सदस्यों ने ही लगाए थे।
खनिज परिवहन शुल्क के टेंडर से जुड़ा मामला
बताते हैं कि जांच खनिज परिवहन शुल्क में 6.21 करोड़ की गड़बड़ी में महोबा जिलाधिकारी की जांच रिपोर्ट में जिला पंचायत अध्यक्ष सुनील पटेल दोषी पाए गए हैं। मंडलायुक्त अजीत कुमार सिंह ने
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शासन को रिपोर्ट भेज दी है। इसके साथ ही जिला पंचायत अध्यक्ष के खिलाफ कार्रवाई का रास्ता भी खुल गया है।
हो सकती है बड़ी कार्रवाई, यह है पूरा मामला
बताते चलें कि भाजपा के ही कुछ जिला पंचायत सदस्यों ने बीते वर्ष 26 अक्तूबर को खनिज परिवहन शुल्क टेंडर में गड़बड़ी की शिकायत की थी। आरोप था कि वर्ष 2021-22 के लिए खनिज परिवहन के लिए 8.21 करोड़ का टेंडर हुआ था।
आयुक्त ने कराई दूसरे जिले के DM से जांच
इसका शुल्क 200 रुपए की जगह 400 रुपए कर दिया गया था। उसके बाद वर्ष 2022-23 में 2.7 करोड़ में टेंडर हुआ। इस पूरे प्रकरण में 6.21 करोड़ का अंतर रहा। यानी टेंडर आधे से भी कम में कर दिया गया। सूत्रों का कहना है कि जांच टीम ने जिला पंचायत अध्यक्ष सुनील पटेल, अपर मुख्य अधिकारी आदि को दोषी माना है। जांच महोबा जिलाधिकारी गजल भारद्वाज द्वारा की गई।
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