मनोज सिंह शुमाली, बांदा: यह विडंबना नहीं तो क्या है..? लाखों की आबादी वाले पूरे बांदा जिले में एक भी ह्रदय रोग विशेषज्ञ चिकित्सक नहीं है। भगवान न करे अगर किसी को हार्ट अटैक आ जाए तो यहां सिर्फ प्राथमिक उपचार ही मिलेगा। पूरे इलाज के लिए कानपुर-झांसी या प्रयागराज जाना होगा। ऐसे रोगियों के लिए एक-एक पल कीमती होता है।
जिम्मेदारों की संवेदनहीनता समझ से परे
समय पर इलाज न मिलना जानलेवा हो जाता है। ‘समरनीति न्यूज’ ने अपने मंच से यह संवेदनशील मुद्दा उठाया। स्थानीय प्रबुद्धजनों ने भी इस विषय पर चिंता जाहिर की है। हमें पूरी उम्मीद हैं कि जिम्मेदारों तक यह बात पहुंचेगी और जल्द ही समस्या का समाधान होगा।
पढ़िए! इस मुद्दे पर प्रबुद्धजन क्या बोले..

पद्मश्री उमा शंकर पांडे का कहना है कि कि बांदा में एक भी ह्रदय रोग विशेषज्ञ का न होना सचमुच बहुत ही चिंता की बात है। इस दिशा में संबंधित अधिकारियों का ध्यान आकृष्ट कराया जाएगा। जरूरत पड़ी तो शासन स्तर पर उच्चाधिकारियों से भी बात की जाएगी। हम सभी के लिए, बांदा वासियों के लिए बड़ा चिंता का मुद्दा है। यहां जल्द से जल्द ह्रदय रोग विशेषज्ञ की तैनाती होनी चाहिए।

वरिष्ठ दवा व्यवसाई अवधेश कपूर का कहना है कि जिले को इस समय एक अच्छे कार्डियोलाजिस्ट की बहुत जरूरत है। मेडिकल कालेज में एक वरिष्ठ ह्रदय रोग विशेषज्ञ को होना चाहिए। ह्रदय रोग से पीड़ित मरीजों को काफी समस्याएं हो रही हैं। आकस्मिक स्थिति में मरीजों को कानपुर या झांसी जाकर इलाज कराना पड़ता है। जिला अस्पताल में भी ह्रदय रोग विशेष जरूरी है।

बांदा-चित्रकूट डिस्ट्रिक्ट कोआपरेटिव बैंक के डाॅयरेक्टर राजेश सिंह कहते हैं कि कम से कम दो ह्रदय रोग विशेषज्ञ (कार्डियोलॉजिस्ट) होने चाहिए। बांदा में मेडिकल काॅलेज है। मगर कार्डियोलॉजिस्ट नहीं है। यह चिंताजनक है क्योंकि यहां लाखों लोग खासकर ह्रदय रोग विशेषज्ञ डाॅक्टरों के सहारे हैं। उम्मीद है कि स्वास्थ्य विभाग जल्द डाॅक्टर की तैनाती करेगा।

प्रगतिशील किसान प्रेम सिंह का कहना है कि बांदा के लाखों लोग और आसपास के जिलों की भी बड़ी आबादी स्वास्थ्य सेवाओं के लिए बांदा मेडिकल कालेज की ओर उम्मीद से देखती है। बड़ी आबादी वाले बांदा में ह्रदय रोग विशेज्ञष न होना चिंताजनक है। स्वास्थ्य सेवाएं प्रभावित हो रही हैं। प्रशासन को जल्द से जल्द ध्यान देना चाहिए। जनप्रतिनिधियों को आगे आना चाहिए। यह चिंताजनक है।

शहर के प्रमुख व्यवसाई संजय गुप्ता का कहना है कि ह्रदय रोग विशेषज्ञ का न होना बहुत बड़ी समस्या है। पूरे में बड़ी संख्या में ह्रदय रोगी हैं। ऐसे में एक भी कार्डियोलॉजिस्ट न होना चिंताजनक है। हार्ट के मरीजों को इससे काफी दिक्कतें होती हैं। खासकर इमरजेंसी में मरीजों के पास कानपुर, झांसी जाने के अलावा और कोई रास्ता नहीं रह जाता। जल्द से जल्द कार्डियोलॉजिस्ट की तैनाती होनी चाहिए।

महिला कालेज की प्रोफेसर डॉ सबीहा रहमानी का कहना है कि वैसे तो बांदा में स्वास्थ्य सेवाओं और चिकित्सा के मद्देनजर अनेक समस्याएं हैं। मगर एक भी ह्रदय रोग विशेषज्ञ का न होना, परेशान करने वाला है। हम लोग उम्मीद करते हैं कि जिम्मेदार लोग जल्द ही इस दिशा में गंभीरता से पहल करेंगे। इस दिशा में सभी लोगों को संवेदनशील होना चाहिए।

लिटिल एंजिल्स पब्लिक स्कूल प्रबंधक उमा पटेल ने कहा कि पूरे जिले में इस समय एक भी ह्रदय रोग से संबंधित चिकित्सक का न होना स्वास्थ्य के प्रति संचेतना की कमी को दर्शाता है। प्रशासन और जनप्रतिनिधियों को जल्द ही इस दिशा में गंभीरता दिखानी चाहिए। इस समय बड़ी संख्या में लोग हार्ट की बीमारियों से पीड़ित हैं। जिम्मेदारों को संवेदनशील होना चाहिए।

महिला काॅलेज की प्राचार्य दीपाली गुप्ता का कहना है कि बांदा के जिला अस्पताल और मेडिकल काॅलेज में कार्डियोलाजिस्ट का होना बेहद जरूरी है। ह्रदय रोगी की आकस्मिक स्थिति में कानपुर, प्रयागराज और झांसी ले जाना संभव नहीं हो पाता। यह बेहद जरूरी है। इसपर ध्यान दिए जाने की जरूरत है।
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