समरनीति न्यूज, बांदा: ‘रक्तादान महादान’ यह वाक्य रक्तदान को एक महान दान के रूप में दर्शाता है, जो दूसरों को जीवनदान देने में मदद करता है। विश्व रक्तदाता दिवस का मुख्य विषय प्रत्येक वर्ष उन निस्वार्थ व्यक्तियों के सम्मान में है ,जो अपने रक्त को जरूरतमंद लोगों को जीवनदान के रूप में दान करते हैं। ये बातें अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (बांदा) की विभाग छात्रा प्रमुख आयुषी त्रिपाठी ने कहीं।
इस बातों की सावधानियों के साथ बचाएं दूसरों का जीवन
आयुषी ने कहा कि रक्तदान करने वालों को मुख्यतः कुछ महत्वपूर्ण जानकारियां होनी चाहिए, जैसे उनकी आयु 18 से 65 वर्ष की होनी चाहिए उनका वजन कम से कम 50 किलो होना चाहिए। वह स्वस्थ हों और
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किसी भी संक्रमण वाली बीमारी उनको नहीं होनी चाहिए। आयुषी कहती हैं कि इस रक्तदान दिवस पर आप सब भी स्वैच्छिक रक्तदाता बने और समाज में जीवन रक्षक की भूमिका निभाएं जो दूसरों के लिए प्रेरणा बने।
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