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UP : बेटिकट महिला कबड्डी टीम, जुर्माना रुपए 500- इन अफसरों से मांगा गया स्पष्टीकरण..

Women's kabaddi team without ticket in train from Banda, fined Rs 500

समरनीति न्यूज, डेस्क : राज्यस्तरीय कबड्डी प्रतियोगिता में हिस्सा लेने आगरा गईं महिला खिलाड़ियों की टीम ट्रेन में बिना टिकट पकड़ी गई। हालांकि, इसमें उनकी गलती नहीं थी। सबकुछ खेल विभाग की अव्यवस्था की वजह से हुआ। इसका जिम्मेदार, अधिकारियों का नकारापन था, जिन्होंने महिला खिलाड़ियों को बिना टिकट ही ट्रेन में चलता किया। बाद में उन्हें पकड़े जाने पर झांसी में 500 रुपए जुर्माना देना पड़ा।

खिलाड़ियों ने लौटकर की शिकायत

पूरा मामला उत्तर प्रदेश के बांदा जिले से जुड़ा है। खिलाड़ियों ने वापस आकर पूरे मामले की शिकायत मंडलायुक्त और जिलाधिकारी से की। आयुक्त आरपी सिंह ने क्रीड़ाधिकारी को तलब करते हुए फटकारा। साथ ही स्पष्टीकरण तलब किया है।

आगरा में थी खेल प्रतियोगिता

बताया जाता है कि आगरा में 5 से 7 नवंबर तक राज्यस्तरीय महिला कबड्डी प्रतियोगिता का आयोजन था। इसमें हिस्सा लेने के लिए महिला खिलाड़ियों को ट्रेन से पहुंचना था। इसके लिए खेल विभाग ही पूरी व्यवस्था करता है।

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सभी खिलाड़ियों को बिना टिकट ट्रेन से रवाना कर दिया गया। व्यवस्था की खामी रही कि कुछ खिलाड़ी बांदा से कुछ चित्रकूट से गए। बांदा से गई महिला खिलाड़ियों को झांसी में रेलवे टीटी ने बिना टिकट पकड़ लिया। उनपर 500 रुपए जुर्माना लगाया। वापस आकर आयुक्त श्री सिंह और डीएम दीपा रंजन से खिलाड़ियों ने शिकायत की। दोनों उच्चाधिकारियों ने रिपोर्ट तलब की है।

खिलाड़ियों ने बताई यह बात

मामले में महिला कबड्डी खिलाड़ी प्रियंका, खुशबू, अल्शिफा, अंजली, रेशमा, शाबरीन, एकता, प्रियांशी आदि ने बताया है कि खिलाड़ियों को आगरा प्रतियोगिता में ले जाने की जिम्मेदारी टीम मैनेजर की थी। खिलाड़ियों ने बताया कि मैनेजर ने कोई टिकट नहीं कराया। कहा कि झांसी में पकड़े जाने पर क्रीड़ाधिकारी ने फोन नहीं उठाया था।

अधिकारियों ने कहा कुछ ऐसा

कहा कि सुबह मंडलीय क्रीड़ाधिकारी और टीम मैनेजर से बात की गई तो उन्होंने अभद्रता की। टीम मैनेजर सोनाली का कहना है कि मंडलीय टीम को चित्रकूट से संपर्क क्रांति एक्सप्रेस से आगरा ले जाने की व्यवस्था हुई थी। बांदा से कौन खिलाड़ी जा रही थीं। इसकी उनको जानकारी नहीं थी। उधर, क्रीड़ाधिकारी विजय कुमार का कहना है कि खिलाड़ियों को टिकट लेना चाहिए था। बाद में उनको किराए का भुगतान करा दिया जाता।

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