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जरा हट के.. सांप और नाग में क्या अंतर होता है? नहीं जानते होंगे आप! यहां पढ़ें..

जरा हट के.. सांप और नाग में क्या अंतर होता है? नहीं जानते होंगे आप! यहां पढ़ें..

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समरनीति न्यूज, लखनऊ डेस्क: हम अक्सर सांप और नाग बारे में सुनते और पढ़ते रहते हैं। ये ऐसे जीव हैं जिनके बारे में सुनते ही शरीर में एक कंपन सा हो जाता है। अमूमन हम लोग सांप और नाग को लेकर जब चर्चा करते हैं तो दोनों को एक ही समझते हैं, लेकिन क्या आप जानते हैं कि सांप और नाग में बड़ा अंतर होता है। हर नाग एक सांप है, लेकिन हर सांप नाग नहीं होता दरअसल, सांप और नाग दोनों ही सरीसृप वर्ग के जीव हैं, लेकिन वैज्ञानिक दृष्टि से इनमें कई बड़े अंतर हैं। आम बोलचाल में लोग सांप और नाग शब्दों का एक ही अर्थ में प्रयोग करते हैं। 3000 से ज्यादा सांप की प्रजातियां, कुछ जहरीली और कुछ नहीं.. इसलिए इनके बीच के अंतर को समझना जरूरी है। हर नाग सांप होता है, लेकिन हर सांप नाग नहीं होता। जी हां, आपकी जानकारी के लिए बता दें कि सांप एक व्यापक समूह है। विश्वभर में इसकी लगभग 3000 प्रजातियां पाई जाती हैं। ...
लिपस्टिक को संस्कृत में क्या कहते हैं..जानकर हैरान हो जाएंगे आप!

लिपस्टिक को संस्कृत में क्या कहते हैं..जानकर हैरान हो जाएंगे आप!

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समरनीति न्यूज, लखनऊ डेस्क: लिपस्टिक एक ऐसा सौंदर्य प्रसाधन है जिसका उपयोग महिलाएं अपने होठों की खूबसूरती बढ़ाने के लिए करती हैं। भारत में आम बोलचाल में सभी लिपस्टिक को लिपस्टिक ही कहते हैं, हालांकि, यह अंग्रेजी का शब्द है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि लिपस्टिक को संस्कृत भाषा में क्या कहते हैं। शायद ही आपने इस पर कभी गौर किया होगा। लेकिन जानना तो चाहेंगे ही। हम बताते हैं कि लिपस्टिक को संस्कृत में क्या कहते हैं। लिपस्टिक जैसी पापुलर वस्तु का संस्कृत का नाम जानकर आप बेहद चौंक हो जाएंगे। जी हां.. दरअसल, लिपस्टिक को संस्कृत में ओष्ठ रंजक कहा जाता है। संस्कृत में आप लिपस्टिक को ओष्ठ शलाका या फिर ओष्ठराग भी कह सकते हैं। ये भी पढ़ें: भोजपुरी Actress नेहा मलिक का Bold अवतार, फैंस की धड़कनें तेज ये भी पढ़ें: Actress एली एवराम ने फिर इंटरनेट का बढ़ा...
महानगरों में बढ़ रहा नशे का कारोबार, युवाओं की सांसों में समा रहा हुक्का-ड्रग्स का धुआं

महानगरों में बढ़ रहा नशे का कारोबार, युवाओं की सांसों में समा रहा हुक्का-ड्रग्स का धुआं

उत्तर प्रदेश, कानपुर
  समरनीति न्‍यूज़, कानपुरः 'हेडक्वार्टर’ की तरह कानपुर के ज्यादातर लॉज में पार्टी के नाम पर युवाओं को नशाखोरी कराई जा रही है. इस बारे में लॉज के एक इम्प्लाई ने बताया कि लॉज में युवाओं की मांग पर सूखा नशा चोरी छिपे उपलब्‍ध कराया जाता है. इसके ज्यादा पैसे चार्ज किए जाते हैं. ये नशा अब फैशन बनता जा रहा है. इसी का फायदा लॉज मालिक उठा रहे हैं. वे ज्यादा पैसा कमाने के चक्कर में उनको हुक्का में सूखा नशा भरकर पिलाने की फैसिलिटीज भी युवाओं को दे रहे हैं. हुक्का गुडग़ुड़ाने से होती शुरुआत डॉ. हेमंत बताते हैं कि लॉज में लड़के लड़कियों को हुक्का पिलाकर नशे की शुरुआत कराई जाती है. उन्हें पहले नॉर्मल हुक्का दिया जाता है. ये हुक्का कई फ्लेवर में होता है, जिसे लड़के लड़कियां आसानी से पीकर धुआं में उड़ाते है. वे धुएं से छल्ला, दिल जैसी कई चीजें बड़ी आसानी के साथ बना लेते ह...