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बांदा में खनिज तहबाजारी के नाम पर खुलेआम रंगदारी वसूल रहे माफिया, एमपी-महोबा की..

बांदा में खनिज तहबाजारी के नाम पर खुलेआम रंगदारी वसूल रहे माफिया, एमपी-महोबा की..

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समरनीति न्यूज, बांदा : बांदा जिला पंचायत की खनिज तहबाजारी के ठेके पर सिंडीकेट की गहरी छाया है। लंबे विवादों के बाद तहबाजारी टेंडर 2023 में बड़ा खेल किया। माफियाओं-नेताओं के सिंडीकेट जिपं के इस 9 करोड़ वाले ठेके को सवा 2 करोड़ में कराकर यूपी सरकार को सीधे-सीधे लगभग 7 करोड़ के राजस्व का लगा दिया। दो साल पहले तक यही ठेका 9 करोड़ में होता था। अब उसमें नुकसान दिखाकर सवा 2 करोड़ में कर दिया गया। फिलहाल, बात करते हैं अवैध वसूली की। सूत्र बताते हैं कि अब नियम विरुद्ध खनिज तहबाजारी के नाम पर रंगदारी की वसूली हो रही है। बिना राजनीतिक संरक्षण के यह संभव नहीं है। तहबाजारी बरसात शुरू होते ही बंद, फिर भी अवैध वसूली जारी दरअसल, खनिज तहबाजारी का नियम है कि उद्गम स्थल पर निर्धारित शुल्क वसूला जाता है। वह भी बरसात शुरू होने से पहले। अब बरसात शुरू हो चुकी है। जिले की खदाने बंद हैं, लेकिन मध्यप्र...
बांदा में खनिज तहबाजारी के नाम पर खुलेआम अवैध वसूली

बांदा में खनिज तहबाजारी के नाम पर खुलेआम अवैध वसूली

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समरनीति न्यूज, बांदा : जिले में खनिज तहबाजारी के नाम पर खुलेआम लूट मची है। वाहनों चालकों को 200 की रसीद देकर 300 से 500 रुपए तक वसूले जा रहे हैं। सवाल करने पर जवाब मिलता है कि 'क्या करें उपर तक जाता है।' दरअसल, जिला पंचायत से खनिज तहबाजारी का ठेका होता है। लाटरी से होने वाले इस ठेके की अलग ही कहानी है, जो काफी रौचक है। ये ऐसा धंधा है जिसमें एक से बढ़कर एक धुरंधर जुड़े हैं। शायद ही कोई राजनीतिक दल ऐसा हो, जिसके रसूखदार इसमें शामिल न हों। ऐसे लोग व्यक्तिगत स्वार्थ के लिए अपने राजनीतिक सिद्धांतों की बलि चढ़ा रहे हैं। रातों-रात करोड़ों का हो रहा खेल बहरहाल, इसपर अगली खबर पर चर्चा करेंगे। फिलहाल, मुख्य बिंदु तहबाजारी के नाम पर रसीद से दुगनी-तिगुनी रकम वसूली के गड़बड़ झाले की बात पर आते हैं। जिला पंचायत के इस ठेके खनिज तहबाजारी के नाम पर रातों-रात करोड़ों का खेल हो रहा है। राजनीतिक पहुंच और रस...