जाटलैंड में गठबंधन की नैय्या पर सवार जयंत और कमिश्नर सत्यपाल में कांटे की टक्कर, कांग्रेस भी फुल तैयार
प्रीति सिंह, पॉलीटिकल डेस्कः राष्ट्रीय लोक दल की नई पीढ़ी जयंत चौधरी इस बार बागपत से चुनावी मैदान में हैं। पिछली बार मोदी लहर के चलते सत्यपाल सिंह ने उनके पिता अजित सिंह को यहां पर पटखनी दी थी, लेकिन कैराना में जिस फॉर्मूले ने काम किया, उसके बाद रालोद के हौसले बुलंद हैं। जयंत चौधरी, सपा-बसपा-रालोद के संयुक्त उम्मीदवार हैं। फिलहाल बीजेपी प्रत्याशी सत्यपाल सिंह के लिए इस बार की जंग आसान नहीं होने वाली है। मुंबई पुलिस कमिश्नर रहे सत्यपाल सिंह ने पहली बार 2014 में चुनाव लड़ा और पहली ही बार में दो लाख वोटों से जीतकर लोकसभा पहुंचे।
2014 में तीसरे नंबर पर थे अजीत सिंह
दिलचस्प बात ये है कि 2014 में इस सीट से लडऩे वाले अजित सिंह तीसरे स्थान पर रहे थे, लेकिन इस बार मामला सपा-बसपा-रालोद गठबंधन का है। आंकड़ों की बाजीगरी में जाएं और 2014 के सपा, बसपा और रालोद के वोटों को मिला दिया जाए तो वो भाजपा...
