वंदना श्रीवास्तव, कानपुर : कानपुर में भौंती एलिवेटेड हाइवे पर हुए दिल दहलाने वाला हादसा पांच परिवारों को कभी न भरने वाला जख्म दे गया। हादसे में किसी ने होनहार बेटी खो दी तो किसी के घर का इकलौती चिराग बुझ गया। माता-पिता ने जो सपने देखे थे एक ही पल में बिखर गए। रोते-बिलखते परिजनों की चीखें शवगृह तक गूंजती रहीं।
दो ट्रकों के बीच चिपक गई थी कार
हादसे में जान गंवाने वाली आयुषी के पिता रमाशंकर पटेल हमीरपुर में फार्मासिस्ट के पद पर तैनात हैं। परिवार में मां समता के अलावा एक भाई आयुष हैं। परिवार सनिगवां में रहता है। बताते हैं कि छात्रा आयुषी कंप्यूटर साइंस फर्स्ट ईयर की छात्रा थीं।
परिवार के होनहार थे चारों छात्र-छात्राएं
छात्र प्रतीक के पिता राजेश सिंह गढ़ी पाली स्थित उदय भारती इंटर कालेज के प्रबंधक हैं। उनकी मां माया देवी गृहणी हैं। परिवार में दो बहनें साक्षी (27) और शिखा (25) हैं। दो महीने बाद एक बहन शिखा की शादी है। पूरा परिवार सेन पश्चिम पारा क्षेत्र में करौली गांव में रहता है।
एक-दूसरे को संभालते दिखे बाप-बेटे
एक अन्य छात्र सतीश की मौत की खबर सुनकर हैलट पहुंचे पिता रमेश चंद्र और भाई नितिश भी रो-रोकर बेहाल हैं। बाप-बेटे एक दूसरे को संभालते नजर आए। दोनों ही सीआरपीएफ में सब इंस्पेक्टर हैं। परिवार में मां संतोषी हैं। दशहरे की छुट्टी में पिता-भाई घर आए हुए थे।
चालक की पत्नी बोलीं, यकीन ही नहीं..
छात्रा गरिमा का शव देख मां रीता बदहवास सी हो गईं। उनके पिता भरत त्रिपाठी इटावा में टीएसआई हैं। परिवार में बहन महिमा और भाई कुश हैं। बहन इंटर और भाई 8वीं में पढ़ते हैं। उधर, चालक विजय की पत्नी सुमन का भी रो-रोकर बुरा हाल है। कहती रहीं कि पति घर से कार लेकर कुछ देर पहले निकले थे।
उन्हें जरा भी अंदाजा नहीं था कि अब कभी नहीं लौटेंगे। विजय मेडिकल स्टोर भी चलाते थे। अपनी कार से बच्चों को सुबह 8 बजे कालेज छोड़ने और शाम 5 बजे लेने जाते थे। परिवार में दो बेटे शशांक और हिमांशु हैं। एक एमसीए कर रहे हैं और दूसरे 12वीं के छात्र हैं। परिजनों को यह हादसा कभी न भरने वाले जख्म दे गया है।
संबंधित मुख्य खबर पढ़ें : कानपुर हाइवे पर भीषण हादसा, कार सवार छात्र-छात्राओं समेत 5 लोगों की मौत