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ईवीएम पर यूपी से लेकर बिहार-पंजाब-हरियाणा तक मची रार, आयोग पहुंचे 22 दलों के नेता, पूर्व राष्ट्रपति प्रणव चिंतित

प्रतिकात्मक फोटो।

समरनीति न्यूज, बांदाः ईवीएम पर रार खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है। चुनाव के दौरान लगातार विपक्षी दल ईवीएम पर सवाल उठाते रहे हैं। अब दो दिन बाद चुनाव परिणाम आ जायेगा और इस बीच ईवीएम की सुरक्षा में सेंध की शिकायत आयी है। खबरों के मुताबिक उत्तर प्रदेश, बिहार, पंजाब और हरियाणा में विपक्षी दलों ने इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों (ईवीएम) की सुरक्षा में सेंध लगाए जाने की शिकायतें की हैं। हालांकि चुनाव आयोग ने बयान जारी करते हुए इन आरोपों को आधारहीन बताया है।

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चुनाव आयोग से मिले 22 दलों के नेता  

22 दलों के विपक्षी नेताओं ने चुनाव आयोग से मुलाकात की। साथ ही वीवीपेट की पर्चियों का मिलान कराने का आग्रह किया। ईवीएम से छेड़छाड़ की खबरों पर चिंता जाहिर की गई। विपक्षी दलों के नेताओं का कहना है कि उन्होंने आयोग से मांग की है कि जिन ईवीएम में गड़बड़ी मिलती है तो फिर उस पूरी विधानसभा की सभी मशीनों की सभी वीवीपेट की गिनती होनी चाहिए।

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विपक्षी नेताओं ने कहा कि चुनाव आयोग ने कहा है कि कल यानि बुधवार को दोबारा इस मामले में विपक्षी नेताओं से मुकालत कर बात की जाएगी। इसी बीच पूर्व राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी ने बयान जारी करते हुए कहा है कि वे ईवीएम में गड़बड़ी की खबरों को लेकर काफी चिंतित हैं। पूर्व राष्ट्रपति ने कहा है कि जनता का जनादेश बेहद पवित्र है और इस पर शंका नहीं की जा सकती है। ऐसे में चुनाव आयोग को ईवीएम मशीन की सुरक्षा को लेकर उठ रहे सवालों पर ध्यान देना चाहिए।

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कथित रूप से चंदौली का वीडियो जारी , मऊ-झांसी -मिर्जापुर में भी शिकायतें 

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक सोशल मीडिया पर कुछ वीडियो क्लिप वायरल हो रही हैं। इन वीडियो में एक उत्तर प्रदेश के चंदौली की बताई जा रही है। इस वीडियो क्लिप में कुछ ईवीएम एक कमरे में उतारी जा रही हैं जो मतगणना के लिए निर्धारित कमरे जैसा लग रहा है। समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ताओं के विरोध के बाद जिला प्रशासन की ओर से बताया गया है कि ये ईवीएम मतदान केंद्रों पर आरक्षित रखी गई थीं जो अब लाई गईं हैं। उत्तर प्रदेश के झांसी, मऊ, मिर्जापुर के अलावा अन्य राज्यों में भी शिकायत की गईं हैं।

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गाजीपुर में ईवीएम सुरक्षा में सेंध का आरोप, धरने पर उम्मीदवार अफजल   

उत्तर प्रदेश के गाजीपुर में बहुजन समाज पार्टी के उम्मीदवार अफजल अंसारी और उनके समर्थक उस कमरे के बाहर धरने पर बैठ गए जहां ईवीएम रखी गईं हैं। अंसारी का आरोप था कि इस कमरे से कुछ मशीनें एक निजी वाहन से बाहर ले जाने की कोशिश की गई।

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हालांकि स्थानीय प्रशासन ने इन आरोपों को खारिज किया है। यूपी के डुमरियागंज में सपा-बसपा के कार्यकर्ताओं ने ईवीएम से भरा एक मिनी ट्रक भी पकड़ा है। ये मशीनें भी कथिततौर पर कहीं ले जाई जा रहीं थीं। विरोध के बाद ये मशीनें स्ट्रांग रूम में वापस भेज दी गईं।

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यूपी समेत बिहार-पंजाब, हरियाणा में भी ईवीएम सुरक्षा को लेकर शिकायतें 

बिहार में मुख्य विपक्षी पार्टी राष्ट्रीय जनता दल ने आरोप लगाया है कि महाराजगंज और सारण में ईवीएम संदिग्ध तरीके से लाए-ले जाए जाने के मामले सामने आए हैं। वहीं पंजाब और हरियाणा से भी इसी तरह की शिकायतें मिली हैं। हालांकि, इन शिकायतों को चुनाव आयोग ने निराधार बताते हुए कहा है कि ‘सभी ईवीएम और वीवीपैट राजनीतिक दलों के उम्मीदवारों के सामने सील की गईं हैं। इस प्रक्रिया की वीडियोग्राफी कराई गई है। इनकी सुरक्षा में संदेह की कोई गुंजाइश नहीं है। हरियाणा, पंजाब से भी इस तरह की शिकायतें सामने आ रही हैं।

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