समरनीति न्यूज, बांदा : जल्दी अमीर बनने का लालच इंसान से गलत काम करा रहा है। अब जिले में एक पिता-पुत्र 10 लाख के लालच में एक 8 साल के बच्चे के अपहरणकर्ता बन बैठे। बच्चे का अपहरण किया, फिर 10 लाख फिरौती भी मांगी। हालांकि, बांदा में एसओजी ने जबरदस्त ढंग से काम किया। सिर्फ 24 घंटे में पुलिस न सिर्फ अपह्रत बच्चे को सुरक्षित छुड़ा लाई, बल्कि चारों अपहरणकर्ताओं को भी गिरफ्तार कर लिया। पुलिस अधीक्षक एसएस मीणा ने पुलिस टीम को 25 हजार का ईनाम देने की घोषणा की। पूरे मामले की जानकारी अपर पुलिस अधीक्षक महेंद्र प्रताप ने प्रेसवार्ता में दी।
प्रेसवार्ता में एएसपी ने किया खुलासा
बताया जाता है कि पुलिस लाइन स्थित सभागार में घटना का खुलासा करते हुए अपर पुलिस अधीक्षक ने मीडिया से बताया कि शहर के गायत्री नगर निवासी राकेश राजपूत के 10 वर्षीय पुत्र आलोक का 24 घंटे पहले अपहरण हो गया था।
अपहरण के बाद से ही पुलिस मामले में एक्टिव हो गई थी। एसओजी प्रभारी आनंद कुमार सिंह और कोतवाली प्रभारी दिनेश सिंह के नेतृत्व में टीमें अपह्रत बच्चे की तलाश में जुट गईं। सोमवार तड़के नरैनी कोतवाली क्षेत्र के जमवारा गांव के पास बिसंडा के बिलगांव निवासी दीपचंद्र और हमीरपुर के करहिया के रवींद्र कुशवाहा को गिरफ्तार करते हुए पुलिस ने अपह्रत बच्चे को बरामद कर लिया।
पिता-पुत्र ही निकले वारदात के मास्टर माइंड
एएसपी का कहना है कि अपहरण का मास्टर माइंड बिसंडा के बिलगांव का रहने वाला तीरथराम कुशवाहा और उसका बेटा मनीष है जो अपह्रत बच्चे के मकान में ही किराए पर रहते थे। अपहरण की वारदात करने के लिए आरोपी पिता-पुत्र ने अपने चचेरे भाई दीपचंद्र व एक अन्य रिश्तेदार को भी शामिल कर लिया।
एमपी के पन्ना लेकर पहुंचे अपह्रत बच्चे को
अपहरण के बाद बच्चे को सीमावर्ती मध्य प्रदेश के पन्ना जिले के अजयगढ़ ले गए। देर रात 10 लाख रुपये की फिरौती मांगी। पुलिस ने वारदात में शामिल चारों अपहरणकर्ताओं को गिरफ्तार कर लिया है। मामले में मुख्य आरोपी और उसका बेटा शटरिंग का काम करते हैं। आरोपियों ने बताया कि जल्दी अमीर बनने के लिए दोनों ने यह साजिश रची और वारदात को अंजाम दिया।
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