
समरनीति न्यूज, सीतापुर: सरकार की जलजीवन मिशन योजना में भ्रष्टाचार के आरोप नई बात नहीं है, लेकिन अब जिस तरह योजना के तहत बनी पानी की टंकियां एक के बाद एक गिर रही हैं, उससे बड़े भ्रष्टाचार की पोल खुलती नजर आ रही है। साथ ही इससे जुड़े अधिकारियों और जिम्मेदारों के प्रति सवाल खड़े हो रहे हैं।
इससे पहले लखीमपुर में भी गिर चुकी करोड़ों की पानी टंकी
अप्रैल में लखीमपुर खीरी में एक पानी की टंकी भरभराकर गिर गई थी। वहीं अब मई में सीतापुर में साढ़े 5 करोड़ों में बनी एक और पानी की टंकी गिरी है। टंकियों के इस तरह भरभराकर गिरने से इतना तो तय है कि इनके निर्माण में गुणवत्ता के साथ बड़ा खेल हुआ है। हालांकि, इस मामले में सिंचाई विभाग के जेई-एई के निलंबन की खबरें आ रही हैं।

महकमे में खलबली, 5 करोड़ 31 लाख से हुआ था निर्माण
जानकारी के अनुसार, सीतापुर में 5 करोड़ 31 लाख से बनी पानी की यह टंकी गुरुवार को कागज के जहाज की तरह गिर गई। जबतक गांव के लोग कुछ समझ पाते, पूरी टंकी धराशाई पड़ी थी। यहां-वहां पानी ही पानी फैला हुआ था। यह मामला सीतापुर की महमूदाबाद तहसील के चुनका गांव का है। बताते हैं कि टंकी का निर्माण 2024 में हुआ था। दो महीने से गांव को पानी की सप्लाई दी जा रही थी।
पानी का दवाब नहीं झेल सकी गुणवत्ताहीन बनी टंकी
गुणवत्ता में हुए खेल के कारण टंकी पानी का दवाब नहीं झेल पाई और आखिरकार ढह गई। अच्छी बात तो यह रही कि उस समय आसपास कोई व्यक्ति नहीं था। वरना जनहानि भी हो सकती थी। सूत्रों का कहना है कि मामले में जेई-एई और कार्यदाई संस्था पर कार्रवाई की गई है। अपने आप में यह बेहद गंभीर विषय है। इससे पहले बुंदेलखंड में हर घर नल योजना के तहत विपक्ष सरकार पर आरोप लगाता रहा है।
अखिलेश बोले-यह भाजपाई भ्रष्टाचार का मासिक ब्यौरा
उधर, सपा मुखिया अखिलेश यादव ने मामले को लेकर सरकार पर फिर तंज कसा है। उन्होंने अपने सोशल मीडिया एक्स (X) प्लेटफार्म पर लिखा है कि ये भाजपाई भ्रष्टाचार का मासिक ब्यौरा है, भाजपा की बेईमानी के बोझ तले अप्रैल में लखीमपुर में टंकी फटी, अब सीतापुर में टंकी फटी है। लगता है कि जून में कहीं और भाजपा की तथाकथित ईमानदारी का डंका फटेगा। आगे लिखा है कि भाजपा ने भ्रष्टाचार की हद पार कर दी है।
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