समरनीति न्यूज, कानपुरः वैश्विक महामारी कोरोना वायरस से पूरी दुनिया जूझ रही है। जरा सी लापरवाही की कीमत लोगों को जान देकर चुकानी पड़ रही है, जो चिंताजनक है। क्योंकि इस महामारी से लोगों की जान बचा रहे डाक्टर्स, किसी देवदूत से कम नहीं हैं। ऐसे में कानपुर शहर के जाने-माने वरिष्ठ ईएनटी स्पेशलिस्ट (Ent Specialist) प्रो. डा. रोहित मेहरोत्रा ने दुनिया के सबसे बड़े सोशल मीडिया प्लेटफार्म फेसबुक के जरिए देशभर के ईएनटी सर्जन से संपर्क किया। उन्होंने कोरोना से बचाव की दिशा में प्रधानमंत्री नरेेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के फैसलों और प्रयासों की जमकर सराहना की। साथ ही देश के ईएनटी सर्जन से खास अपील की। इस अपील में एक डाक्टर की मानवीय संवेदनाएं भी नजर आईं तो उनका कोरोना से लड़ने का जज्बा भी।
सामान्य ENT मरीजों की सर्जरी फिलहाल रोकने की दी सलाह
दरअसल, यूपी ईएनटी एसोसिएशन के अध्यक्ष एवं मेहरोत्रा नाक-कान-गला अस्पताल के संस्थापक डा. रोहित ने देशभर के ईएनटी सर्जन से फेसबुक लाइव के जरिए अपील की, कि आज कोरोना महामारी के दौरान फिलहाल सामान्य मरीजों की सर्जरी को एक माह टाल दें। ऐसा करके खुद के साथ-साथ देश को भी सुरक्षित कर सकेंगे। डाक्टर रोहित ने कहा कि ईएनटी में सामान्यतौर पर ऐसे मरीज नहीं होते, जिनकी सर्जरी को कुुछ दिन रोका न जा सके। हालांकि, डा. मेहरोत्रा ने इमर्जेंसी की श्रेणी में आने वाले ईएनटी मरीजों की सर्जरी को इस दायरे से बाहर रखा।
दुनिया में कोरोना से मरने वालों में ENT सर्जन व एनेसथिसियस भी
पहली नजर में आपको डाक्टर मेहरोत्रा की यह अपील सामान्य सी बात लग सकती है, लेकिन इसकी अहमियत को समझने के लिए आपको यह जानना जरूरी है कि दुनियाभर में कोरोना मरीजों के इलाज की कीमत जिन डाक्टर्स ने अपनी जान देकर चुकाई है, उनमें सबसे ज्यादा ईएनटी सर्जन या एनेसथिसिया के डाक्टर्स थे। कोरोना नाक और गले से शुरू होने वाला ऐसा संक्रमण है जिसके लक्षण सबसे पहले इन्हीं दो जगहों पर उभरते हैं। ऐसे में इस अपील की गंभीरता समझ में आती है। डाक्टर मेहरोत्रा ने एक और खास बात कही। उन्होंने कहा कि सामान्य मरीजों के जरिए समाज में यह मैसेज आसानी से पहुंचाया जा सकता है कि सबको एक जिम्मेदार नागरिक बनने की जरुरत है। मास्क पहनना जरूरी है, हाथों को बार-बार धोना है। कोरोना से लड़ना है, इसे रोकना है।
कांक्लियर इंप्लांट को लेकर भी बताई यह खास बात
दूसरी ओर डा. मेहरोत्रा ने कांक्लियर इंप्लांट को लेकर भी एक खास बात देश के ईएनटी सर्जन के साथ शेयर की। डा. रोहित ने बताया कि जिन मरीजों के कान की अंदरुनी बनावट सामान्य नहीं होती, फिर चाहे बच्चे हों या बड़े। उनको जल्द कांक्लियर इंप्लांट करा लेना चाहिए। उन्होंने नवजात शिशु स्क्रीनिंग प्रोग्राम के बारे में भी बताया। किसी बच्चे को समस्या है तो 3 माह के भीतर बच्चों को सुनने की मशीन या फिर 6 माह में कांक्लियर इंप्लांट कराना चाहिए। उन्होंने दावा किया है कि जिन बच्चों का 6 माह से 1 साल के भीतर कांक्लियर इंप्लांट करा दिया जाता है उनकी सुनने और बोलने की क्षमता सामान्य बच्चों की तरह हो जाती है।
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