समरनीति न्यूज, एंटरटेनमेंटः फिल्म अभिनेत्री नरगिस का नाम भारतीय सिनेमा की चुनिंदा अभिनेत्रियों में शामिल हैं जिन्होंने अपनी अभिनय कुशलता के बल पर वो मुकाम हासिल किया जो हर किसी को नसीब नहीं होता है। यही वजह है कि आज भी फिल्म दुनिया में उनकी अभिनीत फिल्मों का कोई जोड़ नहीं है। आज भी वह हिंदी सिनेमा की बेजोड़ अभिनेत्री मानी जाती हैं। फिर चाहे कम उम्र में बूढ़ी महिला का मदर इंडिया फिल्म में किया गया रोल ही क्यों न हो।
आज उनका 89 वां जन्मदिन है। 1 जून 1929 को को उनका जन्म पश्चिम बंगाल के कोलकत्ता शहर में हुआ था। उनके पिता उत्तमचंद मोहनदास फिल्म डायरेक्टर थे और मां जद्दनबाई क जानी-मानी गायिका। एक तरह से उनको कला और अभिनय के गुण अपने जन्म से ही मिल गए थे।
नरगिस हिन्दी सिनेमा की पहली अभिनेत्री थीं जिनको शानदार अभिनय और योगदान के लिए पद्मश्री अवार्ड मिला था। यही नहीं सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री का पहला राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार भी नरगिस को ही मिला था। वे जो मुकाम फिल्म इंडस्ट्री में स्थापित कर गई हैं। उनको कोई अभिनेत्री नहीं तोड़ पाई है। उनके अभिनय और खूबसूरती के लोग आज भी कायल हैं।
फिल्म इंडस्ट्री में नरगिस की क्या अहमियत और योगदान रहा है इसका अंदाजा आप इसी बात से लगा सकते हैं कि हर साल बालीबुड राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कारों में राष्ट्रीय एकता का संदेश देने वाली सर्वश्रेष्ठ फिल्म को नरगिस दत्त पुरस्कार देता है।
बेटे की फिल्म देखने की हसरत दिल में लिए चली गईं नरगिस
अभिनेत्री नरगिस की दिली इच्छा थी कि वह अपने बेटे संजू (अभिनेता संजय दत्त) को पर्दे पर काम करते हुए देखें। लेकिन यह दुर्भाग्य ही है कि संजू की पहली फिल्म राकी रिलीज होने से मात्र चार दिन पहले ही नरगिस इस दुनिया को छोड़कर हमेशा के लिए चली गईं। मात्र 51 साल की उम्र में उनकी मौत कैंसर जैसी गंभीर बीमारी से हुई। उनको इलाज के उनके पति सुनील दत्त अमेरिका ले गए थे। वहां से हालत सुधने पर वापस लेकर आए। यहां लौटने के बाद वह कौमा में चली गई थीं। कुछ दिन के लिए कौमा से लौटीं। शुरूआती दिनों में उनकी हालत में सुधार भी हुआ लेकिन 3 मई 1981 को उन्होंने दुनिया से हमेशा के लिए विदा ले ली।
डाक्टर बनने की चाह रखने वाली नरगिस मां के कहने पर आईं फिल्मों में
फिल्म डायरेक्टर पिता और गायिका मां की बेटी नरगिस बचपन से डाक्टर बनने की चाह रखती थीं लेकिन उनकी मां ने उनको फिल्मों आने के लिए प्रोत्साहित किया। उन्होंने पहली फिल्म सिर्फ छह साल की उम्र में एक बाल कलाकार के रूप में की थी। इसके बाद भी उनका बहुत मन फिल्मों में काम करने का नहीं था लेकिन हालात ऐसा बनते गए और उनको अभिनय की दुनिया में मुकाम मिलता गया।