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मिलिए ! बांदा के नए जेल अधीक्षक आलोक सिंह से, अद्भुत शख्सियत..

Banda's new jail superintendent Alok Singh has wonderful personality
आलोक सिंह, बांदा जेल अधीक्षक।

मनोज सिंह शुमाली, बांदा : हाल ही में माफिया डाॅन मुख्तार अंसारी की मौत से पूरे देश में ‘बांदा जेल’ का नाम चर्चा में आया था। कुछ दिन पहले नए जेल अधीक्षक आलोक सिंह ने बांदा जेल का कार्यभार संभाला है। आलोक सिंह एक ऐसे जेल अधिकारी का नाम है, जो खुद में एक अद्भुत शख्सियत हैं। प्रदेश के जेल अधिकारियों में उनकी अलग पहचान है।

2019 में राष्ट्रपति अवार्ड से सम्मानित

वह जेल में बंदियों को सजा देने में नहीं, बल्कि उन्हें सुधारने में यकीन रखते हैं। उनके प्रयास इतने सफल रहे हैं कि खुद सरकार ने भी लोहा माना। 2019 में उन्हें राष्ट्रपति पदक मिला। उनका सुधारा एक बंदी गायक बन गया है। उसका गाना रेड एफएम पर लांच हो चुका है। अब इससे ज्यादा किसी बंदी में सुधार की आप क्या उम्मीद कर सकते हैं।

अलीगढ़-बरेली और गाजियाबाद जेल संभालीं

मूलरूप से गोरखपुर के रहने वाले आलोक सिंह की पूरी शिक्षा देहरादून में हुई। उनके पिता देहरादून में सरकारी नौकरी में थे। इसलिए पूरा पालन-पोषण वहीं हुआ।

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पढ़ाई के बाद 1992 में उन्होंने जेल अधिकारी के रूप में ज्वाइन किया। पहली पोस्टिंग तब के यूपी और आज के उत्तराखंड की पौढ़ी गढ़वाल जेल में हुई। वहां 4 साल तैनात रहे। फिर अलीगढ़, बरेली और गाजियाबाद जेलों में भी शानदार पारी खेली।

कहा- हमेशा बंदियों को सुधारने की मंशा

फिलहाल, गाजियाबाद में 3 साल से ज्यादा तैनात रहने के बाद बांदा स्थानांतरित होकर आए हैं। बातचीत में उन्होंने बताया कि उनकी कभी मंशा नहीं रही कि जेल में किसी भी बंदी को सजा दें। बल्कि उनका ध्यान इस बात पर ज्यादा रहता है कि बंदी में क्या काबलियत है। किस बिंदु पर उसे सुधारा जा सकता है। कैसे उसमें सकारात्मक बदलाव लाया जा सकता है।

गायक बना बंदी, रेड FM पर गाना लांच

जेल अधीक्षक श्री सिंह का कहना है कि ‘जेल का उद्देश्य ही बंदी को सुधारना होता है, लेकिन उसे सजा समझता जाता है।’ उन्होंने बताया कि गाजियाबाद की डासना जेल में तैनाती के दौरान रूपेश नाम का बंदी हत्या के प्रयास में आया था। हालांकि, बाद में उसका केश खत्म हो गया था। जेल में होने वाले सांस्कृति कार्यक्रमों में उसने कुछ भजन गाए। इस कारण उसे और गायन के मौके दिए। प्रोत्साहित किया गया। जेल से छूटने तक वह अच्छा गायक बन चुका था। बाद में रेड एफएम-93.5 रेडियो ने उसका एक गाना भी लांच हुआ। आज उसकी पूरी जिंदगी बदल चुकी है।

अब तक मिले प्रमुख अवार्ड

  • वर्ष 2019 में सराहनीय कार्यों के लिए राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद द्वारा राष्ट्रपति पदक देकर सम्मानित किया गया।
  • वर्ष 2020 में राज्य सरकार द्वारा सराहनीय सेवा के लिए सिल्वर मेडल देकर सम्मानित किया गया।
  • वर्ष 2022 जनवरी में राज्य सरकार की ओर से प्रशंसनीय कार्य के लिए गोल्ड मेडल मिला।
  • वर्ष 2024 जनवरी में गाजियाबाद जेल में तैनाती के समय यूपी सरकार ने प्लेटिनम अवार्ड दिया।
  • जेल बंदियों के लिए काम करने वाली इंडिया विजन फाउंडेशन ने मार्च 2024 में स्काच अवार्ड से सम्मानित किया।

इसके अलावा कई और अवार्ड जेल अधीक्षक श्री सिंह को मिले हैं। सबका जिक्र करना संभव नहीं। लेकिन इतना स्पष्ट है कि अपनी ड्यूटी को लेकर आलोक सिंह ने शानदार काम किया है। अगर बाकी सभी जेल अधिकारी भी बंदियों को सुधारने की दिशा में काम करने लगें तो अपराध को जड़ से खत्म किया जा सकता है।

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