समरनीति न्यूज, बांदा : मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सरकार ने बुंदेलखंड के अन्ना गोवंशों को लेकर बेहद गंभीर कदम उठाए हैं। सड़कों पर भटकने वाले गोवंशों को गौशालाओं तक पहुंचाया गया। फिर भूसे-चारे के लिए बजट की व्यवस्था की गई, लेकिन अधिकारियों की सुस्ती के चलते सारी योजना धराशाई होती दिखाई दे रही है। माननीयों को इसका पता तक नहीं है, वहीं अधिकारियों को कोई फिक्र नहीं है। हालात यह हैं कि बजट के अभाव में गोवंशों का पेट नहीं भर पा रहा है।
करीब 1 साल से गौशालाओं को बजट नहीं
चित्रकूटधाम मंडल के बांदा जिले में हाल यह है कि पिछले कई महीनों से गौशालाओं में रहने वाली गायों के भूसे-चारे के लिए बजट नहीं आया है। ऐसे में गौशालाओं का संचालन कर रहे लोग भी परेशान हैं। लाखों रुपए का भूसा खरीद चुके हैं, अब आगे खरीदने के लिए उनकी जेबें भी साथ नहीं दे रही हैं। वहीं जिले का पशुचिकित्सा विभाग मामले में घोर सुस्ती दिखा रहा है।
एक गौशाला संचालक ने कहीं यह बातें
एक गौशाला संरक्षक का कहना है कि 10 मार्च 2022 से गौशालाओं का एक भी रुपया नहीं मिले हैं। प्रत्येक पंचायत में 400 से 1000 तक की संख्या में गाय गौशाला में बंद हैं। पैसा न होने की वजह से गायो को लोग पर्याप्त मात्रा में भूसा-चारा नहीं दे पा रहे हैं। ऐसे में भूख की वजह से जानवरों की मौत की खबरें भी आ रही हैं।
नहीं जाग रहीं जिम्मेदारों की संवेदनाएं
अफसोस की बात यह है कि जनप्रतिनिधियों से लेकर अधिकारियों तक सभी को इसकी जानकारी है। इसके बावजूद किसी के कानों में जूं तक नहीं रेंग रही है। अब आप समझ सकते हैं यहां के नेता कितने गंभीर और संवेदनशील हैं। वहीं अधिकारियों की लापरवाही किसी से छइपी नहीं है। खासकर पशुपालन विभाग के अधिकारियों पर गंभीर आरोप पहले से ही लगते रहे हैं।
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