Thursday, May 9सही समय पर सच्ची खबर...

दिल्ली के कनॉट प्लेस में पहले डॉक्टर से पूछा धर्म, फिर कथित तौर पर लगवाए जय श्रीराम के नारे

डा. अरुण गद्रे।

समरनीति न्यूज, डेस्कः लोकसभा चुनाव परिणाम आने के बाद देश के कई हिस्सों से जबरन जय श्रीराम के नारे को लगवाने को लेकर खबरे आ रही है। ऐसा ही एक मामला राजधानी दिल्ली का सामने आया है। प्रतिष्ठित स्त्री रोग विशेषज्ञ और लेखक डॉ. अरुण गद्रे को दिल्ली के कनॉट प्लेस में कथित तौर पर कुछ युवाओं ने घेरकर उनसे उनका धर्म पूछा और फिर जय श्रीराम के नारे लगाने के लिए मजबूर किया। इस घटना की चर्चा सोशल मीडिया पर हो रही है। अंग्रेजी अखबार हिंदू में प्रकाशित खबर के मुताबिक, पुणे के रहने वाले डॉ. गद्रे ने इस घटना के संबंध में अभी पुलिस में मामला दर्ज नहीं कराया है।

26 मई की सुबह हुई घटना  

डॉ. अरुण के एक करीबी मित्र ने बताया कि यह घटना 26 मई के सुबह की है। दरअसल, डॉ. गद्रे ने यह पूरी घटना प्रेस क्लब ऑफ इंडिया के अध्यक्ष और वरिष्ठ पत्रकार अनंत बागाइतकर को बताई। अनंत बगाइतकर ने कहा, ‘वह (डॉ. गद्रे) जंतर मंतर के पास वाईएमसी में रह रहे थे, उन्हें अगले दिन बिजनौर में इंडियन मेडिकल एसोसिएशन द्वारा आयोजित कार्यक्रम में भाषण देना था। जब वह सुबह की सैर पर निकले तो कनॉट प्लेस के हनुमान मंदिर के पास पांच से छह युवाओं ने उन्हें घेर लिया और उनसे उनका धर्म पूछा और जय श्रीराम के नारे लगाने को कहा।

कुछ यह कहा डॉ. अरुण गद्रे ने  

बागाइतकर ने बताया, इस घटना से डॉ. गद्रे हैरान और डरे हुए थे, लेकिन 27 मई को पुणे पहुंचने के बाद इस घटना पर प्रतिक्रिया देते हुए उन्होंने इसे छोटी-मोटी घटना करार दिया। उन्होंने इस पूरी घटना पर कहा, ‘मैं 26 मई को दिल्ली में वाईएमसी के पास सुबह लगभग छह बजे सैर पर निकला था। कुछ युवाओं ने मुझे रोका और जय श्रीराम के नारे लगाने को कहा। मैं थोड़ा हैरान था लेकिन मैंने नारा लगा दिया। इस पर उन्होंने कहा कि जोर से नारे लगाऊं। डॉ. गद्रे ने कहा, ‘मैं जाने लगा तो उन्होंने मुझे घेर लिया।

ये भी पढ़ेंः आयोध्या पहुंचे उद्धव ने भरी हुंकार, बोले- श्रेय नहीं बल्कि आयोध्या में राम मंदिर निर्माण की तारीख दे सरकार    

हालांकि मेरे साथ कोई बदतमीजी नहीं हुई। मैं इसे सार्वजनिक नहीं करना चाहता था और न ही इसके बारे में पुलिस में शिकायत दर्ज कराना चाहता था क्योंकि मैंने इसे बहुत ही छोटी घटना समझा। मैं सभी से आग्रह करता हूं कि इसे छोटी घटना समझे और किसी निष्कर्ष पर नहीं पहुंचे। मालूम हो प्रसिद्ध डॉक्टर प्रकाश आम्टे के साथ काम कर चुके डॉ. गद्रे ने मरीजों के अधिकारों, सार्वभौमिक स्वास्थ्य और निजी चिकित्सा क्षेत्र के सामाजिक नियमन के बढ़ावा देने की दिशा में काम किया है।

ये भी पढ़ेंः सियासत में पहले हनुमान जी की जाति बदली, अब नाम- आजम का नया नारा ‘बजरंग अली’