समरनीति न्यूज, लखनऊ : हाथरस के सिकन्दराराऊ में सत्संग में भगदड़ में 121 लोगों की मौत का मामला फिर सुर्खियों में है। बताया जा रहा है कि पुलिस की 3200 पन्नों की चार्जशीट में भोले बाबा का नाम तक नहीं है। पुलिस ने बाबा को क्लीन चिट दे दी है। बसपा सुप्रीमो मायावती ने राज्य सरकार को घेरते हुए सवाल उठाए हैं। वहीं कांग्रेस ने भी सरकार पर तंज कसा है।
मायावती ने कहा, जनविरोधी राजनीति का परिणाम
बहुजन समाज पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने कहा कि राज्य सरकार के संरक्षण की वजह से हाथरस कांड की चार्जशीट प्रभावित हुई है। इस चार्जशीट में सूरज पाल सिंह उर्फ भोले बाबा का नाम तक नहीं है।
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यहां बताते चलें कि बसपा ने ही सबसे पहले हाथरस कांड के बाद भोले बाबा पर कार्रवाई की मांग की थी। दरअसल, बीती 2 जुलाई को हाथरस में भोले बाबा के सत्संग में ही भगदड़ हुई थी जिसमें 121 लोगों की मौत हो गई थी।
सरकार पर ऐसे लोगों को संरक्षण देने का आरोप
मृतकों में महिलाएं और बच्चे बड़ी संख्या में थे। अब बसपा सुप्रीमो ने कहा है कि इस घटना की जांच के बाद चार्जशीट में भोले बाबा का नाम न होना जनविरोधी राजनीति का परिणाम है। मायावती ने यह भी कहा कि इससे साबित होता है कि ऐसे लोगों को सरकार का संरक्षण है।
कांग्रेस नेता सुप्रिया श्रीनेत ने भी कसा तंज
उधर, कांग्रेस नेता सुप्रिया श्रीनेत ने भी सोशल मीडिया प्लेटफार्म X पर इस मामले में अपने अंदाज में सरकार पर तंज कसा है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार पुलिस ने सिकन्दराराऊ की इस दर्दनाक घटना को लेकर 3200 पन्नों की चार्जशीट में 11 सेवादारों को आरोपी बनाया है।
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