समरनीति न्यूज, लखनऊः राजधानी लखनऊ में बीती शाम लोकभवन के सामने मां-बेटी के आत्मदाह को लेकर अमेठी के संबंधित थाने के एसओ समेत चार पुलिस कर्मियों को निलंबित कर दिया गया है। साथ ही लखनऊ से पुलिस अधीक्षक अमेठी को भी फटकार लगी है। हालांकि, घटना की जानकारी के बाद अधिकारियों ने गांव पहुंचकर मामले की जांच की है। उधर, इस मामले में विपक्षी पार्टियों ने भी सरकार को घेरा है।
क्रास FIR से आहत थीं पीड़िता मां-बेटी
समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने सरकार पर आरोप लगाया कि गरीबों की सुनवाई नहीं हो रही है। वहीं लोकभवन को लेकर कहा कि यह उनकी सरकार ने इसलिए बनवाया था ताकि जनता की बिना भेदभाव के सुनवाई हो सके।
यह है पूरा मामला
बताते चलें कि शुक्रवार शाम लखनऊ में लोकभवन के सामने अमेठी के जामोनगर की रहने वाली एक मां साफिया और उनकी बेटी गुड़िया ने खुद को आग लगा ली। आत्मदाह का प्रयास करने वाली मां-बेटी को देखकर वहां अफरा-तफरी मच गई। आनन-फानन में दोनों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है। वहां उनकी हालत गंभीर बनी हुई है। मां साफिया जहां 75 प्रतिशत से ज्यादा जली हैं, तो बेटी गुड़िया भी 20 प्रतिशत जल चुकी है।
पुलिस ने मामले में क्रास रिपोर्ट लिखी
बताते हैं कि दोनों मां-बेटी अमेठी जामो कस्बे की हैं और उनका पड़ोसी अर्जुन साहू से नाली का विवाद हुआ। बताते हैं कि बीती 9 मई को गुड़िया की तहरीर पर जामो थाने में आरोपी अर्जुन समेत 4 के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज हुई थी। वहीं आरोपी की तहरीर पर भी दोनों मां-बेटी पर रिपोर्ट हुई। अब पुलिस का कहना है कि जांच चल रही थी।
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दरअसल, पीड़िता युवती गु़ड़िया का आरोप है कि पास में रहने वाले दबंगों ने नाली के विवाद में उसकी मां को पीटा, जब वह बचाने आई तो उसकी भी पिटाई की। थाने में न्याय मांगने पहुंची तो पुलिस ने क्रास एफआईआर दर्ज की। आरोप है कि गलती दबंगों की थी। पीड़िता का आरोप है कि पुलिस ने उनकी नहीं सुनी तो न्याय के लिए लखनऊ पहुंचे थे। यहां निराश होकर आत्मदाह किया।
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