मनोज सिंह शुमाली, बांदाः देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कोरोना वायरस से बचाव के लिए लोगों से हाथ जोड़कर अपील तक कर चुके हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ दिन-रात चिंता में हैं और हर स्थिति पर नजर रख रहे हैं कि कहीं कोई कमी न रह जाए। लेकिन बांदा के जिला अस्पताल में जो हो रहा है, वह काफी भयावह जैसा है। दूसरे प्रदेशों-महानगरों में मजदूरी करके परिवार चलाने वाले हजारों युवा बांदा लौटे हैं।
जिला अस्पताल में हजारों युवाओं की स्क्रीनिंग
यहां जिला अस्पताल में प्रशासन उनकी स्क्रीनिंग करा रहा है। ऐसे में कोरोना वायरस के खतरे की घोर अनदेखी हो रही है। जल्दबादी में युवा कतारबद्ध एक-दूसरे से चिपककर खड़े हो रहे हैं, लेकिन उनको न कोई समझाने वाला है और न कोई रोकने वाला। यानी सोशल डिस्टेंसिंग ध्वस्त है।
नोएडा, हैदराबाद, दिल्ली से लौटे हैं युवक
रविवार की तरह सोमवार को भी बांदा मंडल मुख्यालय पर जिला अस्पताल के ट्रामा सेंटर के बाहर महानगरों से लौटे मजदूरी करने वाले सैंकड़ों की लंबी कतार देखने को मिली, लेकिन सोशल डिस्टेंसिंग की व्यवस्था बिल्कुल नहीं दिखी। युवक हाल ही में दिल्ली, नोएडा, गुजरात और दूसरे महानगरों से लौटे हैं।
स्क्रीनिंग के जरिए यह चेक किया जा रहा है कि कहीं किसी में कोरोना के लक्षण तो नहीं। हालांकि, जांच के दौरान कुछ ने मुंह पर माॅस्क तो कुछ ने रूमाल बांध रखे थे। कुछ ऐसे भी थे जिन्होंने यह उपाए किए ही नहीं। इनके बीच की दूरी भी पर्याप्त नहीं थी।
सोमवार तड़के से शुरू हुई स्क्रीनिंग का सिलसिला देर शाम तक चली। इस दौरान कोरोना वायरस से लड़ने का सबसे कारगर हथियार आपस के बीच की दूरी, सबसे दूर रही।
अधिकारियों की बात भी जायज
जिला अस्पताल के सीएमएस डाक्टर संपूर्णानंद मिश्रा का कहना है कि व्यवस्था का पूरा ख्याल रखा जा रहा है। आज भी स्क्रीनिंग के लिए 3 काउंटर खुलवाए गए थे। कल से 4 काउंटर खुलवाए जाएंगे। श्री मिश्रा ने कहा कि अपने स्तर से सोशल डिस्टेंसी के लिए पूरी व्यवस्था कराई जाती है, लेकिन भीड़ ज्यादा होने के कारण फिर से वहीं हालात हो जाते हैं। उन्होंने कहा कि आगे से स्थिति को और बेहतर कराने का प्रयास किया जाएगा।
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