समरनीति न्यूज, कानपुरः उन्नाव जिले के भगवंत नगर से सात बार के विधायक रहे भगवती सिंह विशारद का आज सोमवार सुबह निधन हो गया। वह 98 वर्ष के थे और इस वक्त कानपुर के धनकुट्टी में रह रहे थे। उनके निधन से परिचितों और इलाके के लोगों में शोक की लहर दौड़ गई है। बताया जाता है कि उनका जन्म 23 सितंबर 1921 को उन्नाव जिले के झगरपुर गांव में हुआ था। वह उन्नाव की भगवंत नगर विधानसभा क्षेत्र से सात बार विधायक रहे। बताते हैं कि उन्होंने अपना पूरा जीवन समाजसेवा में ही गुजारा। आजादी से पहले अंग्रेजों के खिलाफ स्वतंत्रता संग्र्राम आंदोलनों में भी हिस्सा लिया।
पैतृक गांव ले जाया गया शव
उन्होंने बीकॉम की पढ़ाई पूरी करने के बाद हिंदी साहित्य में विशारद किया। यहीं से उनके नाम से यह उपाधि जुड़ी। वह अपने पीछे परिवार में बेटे रघुवीर, बहू कमला, पौत्र अनुराग, पौत्रवधू सुनीता तथा परपौत्र अभिषेक के अलावा एक पुत्र नरेश व बहू चंदा को छोड़कर गए हैं। उनके एक पुत्र रघुवीर उन्नाव जिले के गांव में रहते हैं।
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आज सोमवार सुबह उन्होंने अपने घर में ही अंतिम सांसें लीं। उनका निधन होने की जानकारी मिलते ही आसपास और परिवार के लोगों का घर पर जमघट लगने लगा। बड़ी संख्या में लोग शोक जताने पहुंचे। बताते हैं कि परिवार के लोग उनके शव को लेकर उन्नाव स्थित पैतृक गांव रवाना हो गए हैं। यह भी बताया जा रहा है कि जीवित अवस्था में उन्होंने देहदान किया था। इसलिए अंतिम संस्कार नहीं किया जाएगा।
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