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सीतापुर सदमे से किसान की मौत, किसान संगठनों में आक्रोश

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समरनीति न्यूज, सीतापुरः जवाहरपुर चीनी मिल द्वारा गन्ना पेराई सत्र के अंतिम दिन एक किसान से गन्ना नहीं खरीदा गया। इससे आहत किसान घर चला गया। किसान के परिजनों का आरोप है कि इसी सदमे में किसान की मौत हो गई है। किसान संगठन आक्रोशित हो गए। इसको लेकर किसानों ने सोमवार को मार्च निकालकर प्रदर्शन किया। साथ ही चेतावनी दी है कि किसान परिवार को मुआवजा तथा दोषी अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की जाए।

परिजन बोले, गन्ना मील में नहीं खरीदा गया गन्ना, सदमें में था किसान 

बताया जाता है कि ग्राम मढ़िया मजरा किनहौटी निवासी किसान बृजपाल पुत्र रामलाल अपना गन्ना लेकर 8 जून की रात जवाहरपुर चीनी मिल गेट पर तौल कराने गए थे। बताया जाता है कि मिल अधिकारियों ने बृजपाल का गन्ना नहीं तोला। इससे आहत होकर बृजपाल अपनी ट्रैक्टर ट्राली लेकर गांव वापस आ गया। परिजनों का कहना है कि इसी सदमे से किसान की शनिवार सुबह 7:00 बजे मौत हो गई। इसके बाद बृजपाल की शाम तक अंत्येष्टि कर दी गई। जैसे ही यह बात फैली हड़कंप मच गया।

किसान नेताओं ने पीड़ित परिवार से मिलकर मुआवजे और कार्रवाई की मांग उठाई 

राष्ट्रीय लोकदल के प्रदेश महासचिव आरपी सिंह और राष्ट्रीय किसान मंच के जिला अध्यक्ष एसपी सिंह मृतक किसान के गांव पहुंचे। किसान नेताओं ने पीड़ित परिवार से मिलने की सूचना के बाद थाना रामकोट की पुलिस और क्षेत्रीय राजस्वकर्मी भी पीड़ित परिवार से मिलने पहुंचे। किसान मंच ने सोमवार को जिले में मार्च निकालकर डीएम को ज्ञापन देने की तैयारी की है। संगठन का कहना है कि किसान से गन्ना लेकर मिल प्रबंधन ने मनमानी की है।

किसान नेताओं की सूचना के बाद राजस्वकर्मी भी पीड़ित किसान के परिवार से मिलने पहुंचे 

पीड़ित किसान का गन्ना अभी भी खेत में खड़ा है। पीड़ित के परिवार में उसकी वृद्ध मां, पत्नी और तीन बच्चे हैं किसान के पास 1 एकड़ से भी कम भूमि है मांग की गई है कि पीड़ित परिवार को 20 लाख का मुआवजा और दोषी मील अधिकारियों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाए। उधर, मामले में जवाहरपुर चीनी मिल के उप अधिशासी निदेशक नरेश चंद्र पालीवाल ने कहा है कि ऐसा कोई प्रकरण उनके संज्ञान में नहीं है। सट्टे दार सभी किसानों से गन्ना खरीदा गया है। किसी किसान को वापस नहीं किया गया है।