समरनीति न्यूज़, कानपुरः केडीए अफसरों और कर्मचारियों की मिलीभगत से अंधाधुंध अवैध निर्माण औ सरकारी जमीनों पर कब्जा करने की पोल दिन पर दिन खुलती जा रही है। गज्जूपुरवा में तो केडीए की करोड़ों की जमीन पर अवैध रूप से टेनरियां बना ली गई हैं और वर्षो से चल भी रही हैं। सूत्र बताते हैं कि एक-दो नहीं बल्कि एक दर्जन के करीब ऐसी टेनरियां हैं, जिन्होंने सरकारी जमीन पर भी अवैध रूप से कब्जा कर लिया है। इसका खुलासा होने से केडीए के प्रॉपर्टी सेक्शन और एनफोर्समेंट टीम में हड़कंप मचा हुआ है।

जमीन पर हुए कब्जे
सूत्र बताते हैं कि गज्जूपुरवा में आबादी, चारागाह, नवीन परती आदि मिलाकर 41 हेक्टेयर सरकारी जमीन है। इसमें 14 हेक्टेयर के लगभग ग्र्राम समाज की जमीन है। इन दिनों केडीए, भूमाफियाओं के खिलाफ ड्राइव चलाने को अपनी जमीनों की तलाश रहा है। इसके लिए जमीनों का ऑडिट करने के साथ इम्प्लाइज से सर्वे भी करा रहा है। इम्प्लाइज के मुताबिक गज्जूपुरवा में ग्रामसमाज की 14 हेक्टेयर में से करीब 9 हेक्टेयर पर जमीन पर अवैध कब्जे कर लिए गए हैं।
मिलीभगत से हुआ ये पूरा खेल
सूत्रों का यह भी कहना है कि गज्जूपुरवा में केडीए की जमीनों पर अवैध कब्जे कर टेनरियां बनाई जाती रही पर प्रॉपर्टी सेक्शन के इम्प्लाई और ऑफिसर हाथ पर हाथ धरे बैठे रहे। इसी तरह अवैध निर्माण कराने के लिए बदनाम केडीए की एनफोर्समेंट टीम ने भी कोई कार्रवाई नहीं की। लोगों का कहना है कि बिना मिलीभगत के यह संभव नहीं है। अगर निर्माण के समय एनफोर्समेंट टीम ने नक्शा चेक करने की कोशिश की होती तो केडीए की जमीनों पर अवैध रूप से टेनरियां किसी कीमत पर नहीं बन पातीं।
अब हो रही है ऐसी तैयारी
भूमाफियाओं के खिलाफ अभियान को लेकर शासन के सख्त रवैए के बाद केडीए में अफरातफरी मची हुई है। अब केडीए की जमीनों पर अवैध कब्जा कर बनाई गई टेनरियों के मालिकों को नोटिस भेजने की तैयारी की जा रही है। केडीए के सेक्रेटरी केपी सिंह ने बताया कि केडीए की जमीन खाली कराई जाएगी। नोटिस भेजी जा रही है, ध्वस्तीकरण की कार्रवाई भी की जाएगी।