समरनीति न्यूज, कानपुर : सरकारी डाक्टरों की प्राइवेट प्रैक्टिस की बात कोई नई नहीं है। कानपुर में प्राइवेट प्रैक्टिस करने वाले कानपुर मेडिकल कालेज (GSVM) के दो डाक्टरों को निलंबित कर दिया गया है। दोनों पति-पत्नी है। सरकारी डाक्टर होने के बावजूद प्राइवेट प्रैक्टिस कर रहे थे। बताते हैं कि जीएसवीएम मेडिकल कालेज के न्यूरो सर्जन डा. राघवेंद्र गुप्ता और उनकी पत्नी पैथोलॉजी विभाग की असिस्टेंट प्रोफेसर डा. स्वप्निल गुप्ता सस्पेंड हो गए हैं। कालेज के प्राचार्य डा. संजय काला ने डाक्टर्स से प्राइवेट प्रैक्टिस के लिए स्पष्टिकरण भी मांगा है।
इंकम टैक्स छापे के बाद से छर्चा में थे डाक्टर्स
दरअसल, निलंबित हुए डाक्टर दंपती का नाम आयकर छापे में भी आ चुका है। अब पुख्ता जानकारी मिली थी कि डा. गुप्ता निजी अस्पताल में प्रैक्टिस करते हैं। वहीं उनकी पत्नी हैलट के सामने ही पैथोलॉजी चलाती हैं।
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बताते चलें कि इंकम टैक्स विभाग ने 4 मार्च को काकादेव डबल पुलिया पर स्थित प्राइवेट अस्पताल न्यूरान और हैलट के सामने यूनीक पैथोलॉजी के खिलाफ कार्रवाई की थी। उनके यहां छापे में 1 करोड़ 30 लाख रुपए का कैश मिला था। मेडिकल कॉलेज प्रबंधन ने नोटिस देते हुए दोनों से जवाब मांगा है। शासन को रिपोर्ट भेजते हुए डा. काला ने डाक्टर दंपती के निलंबन की पुष्टि कर दी है।
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