मनोज सिंह शुमाली, बांदा : Budget2024 : केंद्र की मोदी सरकार-3 ने 23 जुलाई को अपना पहला बजट पेश किया है। उत्तर प्रदेश के बांदा के व्यापारी व नेता इसपर क्या राय रखते हैं। हमने यह जानने की कोशिश की। निष्कर्ष यही निकला कि लोगों ने इसे मिला-जुला माना है। हालांकि, कुछ लोग बजट से काफी उम्मीदें रखते हैं। वहीं विपक्षी पार्टियों के नेताओं ने इस बजट को कुर्सी बचाने वाला बताया है। नेताओं का कहना है कि आंध्र और बिहार को प्राथमिकता दी गई है। यूपी को किनारे कर दिया।
बजट पर कुछ ऐसी आईं प्रतिक्रियाएं

वरिष्ठ दवा व्यापारी अवधेश कपूर ने बजट को संतोषजनक बताया। कहा कि सरकार ने काफी सोच-समझकर ही बजट बनाया है। भले ही बुंदेलखंड के लिए अलग से कोई घोषणा नहीं हुई। लेकिन आने वाले दिनों में बेहतर होगा। श्री कपूर ने कहा कि फिलहाल सरकार ने 7 चीजों पर कस्टम ड्यूटी घटाई है। कैंसर जैसी बीमारी की दवाओं की कीमतें कम होंगी। सोने-चांदी के अलावा इलेक्ट्रानिक चीजों की कीमतों पर लगाम कसेगी। शादियों में होने वाले ज्वैलरी खर्च में कमी आएगी।

व्यापार मंडल के प्रदेश उपाध्यक्ष मयंक ओमर सर्राफ ने कहा कि किसान, छोटे-मध्यम व्यापारी मोदी-3 के पहले बजट से खुश हैं। उनका कहना है कि बजट से सभी की मांगें पूरी हुई हैं। सरकार ने कई ऐसी घोषणाएं भी की हैं जिनसे महंगाई पर लगाम लगेगी। जैसे छोटे व्यापारियों को 20 लाख का गारंटी मुक्त मुद्रा लोन। सोने-चांदी पर इंपोर्ट ड्यूटी घटाकर 6% करना शामिल है।

शहर के कपड़ा व्यापारी गोपाल गुप्ता की बजट को लेकर राय है कि कागजों में जो बातें हैं, वह अच्छी हैं। इनको धरातल पर उतरना चाहिए। सरकार ने कुछ घोषणाएं अच्छी की हैं। इसके साथ बुंदेलखंड के किसानों के लिए भी कुछ घोषणाएं होती तो ज्यादा बेहतर होता। क्योंकि बुंदेलखंड में सारा व्यापार किसानों पर ही निर्भर होता है। उन्होंने कहा कि यहां किसान खुश तो व्यापारी खुश वाली स्थिति है। हालांकि, कई चीजों पर इंपोर्ट ड्यूटी कम करके सरकार ने सराहनीय कदम उठाया है।

वरिष्ठ कांग्रेस नेता एवं पूर्व जिलाध्यक्ष राजेश दीक्षित ने कहा कि मोदी सरकार का यह बजट सिर्फ कुर्सी बचाने वाला है। कांग्रेस नेता का कहना है कि बजट में सरकार ने बिहार और आंध्र प्रदेश को कई परियोजनाएं दी हैं। क्योंकि केंद्र में नीतिश कुमार और चंद्रबाबू नायडू की वजह से मोदी सरकार चल रही है। कहा कि यूपी से खुद प्रधानमंत्री मोदी चुनकर संसद पहुंचे हैं, लेकिन कोई बड़ी घोषणा नहीं की। कहा कि यह बजट नहीं, सिर्फ सहयोगियों को खुश करने का कागजी पुलिंदा है।

सपा युवजन सभा के राष्ट्रीय सचिव विदित त्रिपाठी का कहना है कि इस बजट में सरकार ने किसानों के लिए कुछ नहीं दिया है। यह बेहद निराशाजनक बजट है। सरकार बचाने के लिए बजट बनाया गया है। कुर्सी बचानी है और सरकार चलानी है। इसलिए बिहार और आंध्र प्रदेश को भरपूर धन आवंटन किया है। यूपी जैसा प्रदेश जो प्रधानमंत्री बना रहा है, वहां के किसानों के लिए कोई घोषणा नहीं है। बजट में युवाओं की उपेक्षा हुई है। बुंदेलखंड की अनदेखी हुई है।

शहर के मिठाई व्यवसाई इंदु प्रकाश गुप्ता (बोड़े राम) ने बजट को मिश्रित बताया है। उनका कहना है कि बजट में सरकार ने सभी वर्गों का ख्याल रखा है। कागजों में हर बार की तरह अबकी बार भी अच्छी घोषणाएं हुई हैं। इनका असर जमीन पर दिखेगा तब बात बनेगी। बजट में बुंदेलखंड और यूपी के लिए कोई बड़ी घोषणा न होना निराश करता है। सरकार को बुंदेलखंड के लिए कुछ अलग करना चाहिए था। लेकिन सरकार ने 7 चीजों से कस्टम ड्यूटी हटाकर बड़ा ही अच्छा किया है।
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