समरनीति न्यूज, प्रयागराज : मस्जिद या किसी दूसरे धार्मिक स्थल पर लाउडस्पीकर लगाना किसी का मौलिक अधिकार नहीं है। यह महत्वपूर्ण टिप्पणी इलाहाबाद हाई कोर्ट ने की है। साथ ही हाई कोर्ट ने मस्जिद में लाउडस्पीकर लगाने की अनुमति देने की मांग वाली याचिका को खारिच कर दिया। हाई कोर्ट ने कहा कि मस्जिद में लाउड स्पीकर लगाना किसी का मौलिक अधिकार नहीं है। दरअसल, इलाहाबाद हाई कोर्ट की बेंच बदायूं की नूरी मस्जिद में लाउडस्पीकर लगाने की अनुमति की मांग के लिए दायर की गई याचिका के संदर्भ में यह टिप्पणी की है। हाई कोर्ट की इस टिप्पणी से लाउडस्पीकर को लेकर स्थिति साफ हो गई है।
बदायूं के मामले में दायर याचिका खारिज
शुक्रवार को यह याचिका हाई कोर्ट ने खारिज कर दी है। इलाहाबाद हाई कोर्ट ने अपने फैसले में कहा है कि यह सही है कि अजान इस्लाम का अंग है, लेकिन इसके साथ यह भी सही है कि लाउडस्पीकर से अजान इस्लाम का हिस्सा नहीं है।
ये भी पढ़ें : तलाक के दर्द से गुजरी मुस्लिम महिला नगमा ने पीएम मोदी को फिर कुछ इस अंदाज में भेजीं शुभकामनाएं
यह महत्वपूर्ण आदेश विद्वान न्यायमूर्ति वीके बिड़ला तथा न्यायमूर्ति विकास की खंडपीठ ने इरफान की याचिका पर दिया है। हाई कोर्ट की इस टिप्पणी से मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के उस फैसले को भी बल मिला है जिसमें उन्होंने धार्मिक स्थलों से लाउडस्पीकर हटाने के आदेश दिए हैं। बताते चलें कि अबतक यूपी में लगभग 45773 लाउडस्पीकर हटाए जा चुके हैं। हजारों लाउडस्पीकरों की आवाज कम की गई है।
ये भी पढ़ें : ‘लाउडस्पीकर से अजान पर बैन’ अनुराधा पौडवाल का बड़ा बयान, बोलीं-जब मुस्लिम देशों में रोक तो भारत में क्यों नहीं..