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यूपी चुनाव 2022 : बांदा में कांग्रेस लड़ाई से पहले ही मैदान से बाहर क्यों..? मतदाता भी हैं हैरान

Banda-UP Election 2022: Why Congress, Sadar candidate out of the field before the fight

मनोज सिंह शुमाली, ब्यूरो : UP Election 2022 : बुंदेलखंड भले ही कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी और महासचिव प्रियंका गांधी के लिए वरीयता में हो। मगर उनकी पार्टी की हालत खुद बयां कर रही है कि जमीन पर यहां काम नहीं हुआ है। कांग्रेस ने बुंदेलखंड से पार्टी में नेताओं के भारी-भरकम नाम तो जोड़ दिए, लेकिन संगठन को मजबूत करने वाले लोग नहीं जोड़ सकी। अब यूपी विधानसभा चुनाव 2022 में भी पार्टी बेहद परिणाम देने वाले प्रत्याशियों को मैदान में उतारने में कामयाब नजर नहीं आ रही। यह भी कह सकते हैं कि बुंदेलखंड में कांग्रेस जीतने के लिए लड़ ही नहीं रही। बल्कि यह लड़ाई सीधे तौर पर किसी दूसरे को हराने लिए है।

खुद पार्टी के लिए दिक्कत बने अधूरे संगठन के पदाधिकारी व निष्क्रीय प्रत्याशी

हालांकि, इस रणनीति को सही मान लें तो भी कांग्रेस कामयाब होती नजर नहीं आ रही। मंडल मुख्यालय बांदा के हालात यही कह रहे हैं। तिंदवारी-232 विधानसभा सीट को छोड़ दें तो बाकी तीनों सीटों पर पार्टी चुनावी लड़ाई से पहले ही मैदान से बाहर खड़ी नजर आ रही है। बांदा मुख्यालय का हाल यह है कि सदर सीट पर प्रचार-प्रसार के माहौल से पार्टी नदारद है।

Banda-UP Election 2022: Why Congress, Sadar candidate out of the field before the fight

संगठन भी कमजोर, अब प्रत्याशी भी प्रचार-प्रसार से बचते आ रहे नजर

आधे-अधूरे संगठन की स्थिति पहले ही खुलकर सामने आ चुकी है। संगठन के नाम पर सिर्फ दो चेहरे हैं। एक पार्टी के जिलाध्यक्ष। दूसरे पार्टी के बांदा नगर अध्यक्ष।

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ऐसे में संगठन प्रत्याशियों के बाद प्रत्याशी भी चर्चा का विषय बने हैं। खास बात यह है कि कांग्रेस के स्टार प्रचार नसीमुद्दीन सिद्धीकी बांदा के हैं। वह कांग्रेस के यूपी मीडिया प्रभारी भी हैं। इतना सब होने के बाद भी यह हालात हैं।

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कांग्रेस ने बांदा सदर से इकलौता वैश्य प्रत्याशी उतारा

दरअसल, सदर सीट से कांग्रेस ने पुराने कार्यकर्ता लक्ष्मी नारायण गुप्ता को प्रत्याशी बनाकर मैदान में उतारा। स्थानीय लोगों को भी लगा कि बांदा सदर सीट पर अच्छा-खासा प्रभाव रखने वाले वैश्य समाज के कांग्रेस प्रत्याशी चुनाव की दिशा बदल सकते हैं। जल्द ही लोगों की यह उम्मीद प्रत्याशी की सुस्ती देखकर फुस्स साबित हो गई।

वोटिंग की उल्टी गिनती शुरू, प्रत्याशी नजरों से दूर

आज से चुनाव में ठीक 8 दिन बचे हैं। कांग्रेस लड़ाई से पहले ही लड़ाई से पूरी तरह से बाहर नजर आ रही है। प्रत्याशी को लेकर तरह-तरह की चर्चाएं हैं। लोग दबे मुंह आरोप भी लगा रहे हैं। वहीं दूसरे दलों के लोग जमकर प्रचार-प्रसार में जुटे हैं। कांग्रेस की यह हालत स्थानीय मतदाताओं के गले नहीं उतर रही है।

Banda-UP Election 2022: Why Congress, Sadar candidate out of the field before the fight
कांग्रेस सदर प्रत्याशी।

कांग्रेस प्रत्याशी व्यापारी हैं और बांदा शहर में अच्छा दबदबा रखने वाले अयोध्यावासी वैश्य समाज से आते हैं। बांदा जिले में वैश्य समाज का वोट करीब 70 हजार और बांदा सदर सीट पर लगभग 20 से 25 हजार बताया जाता है। हालात यह हैं कि कांग्रेस के लक्ष्मी नारायण गुप्ता इकलौते इस समाज के प्रत्याशी हैं।

बांदा के चुनावी गलियारों में कांग्रेस प्रत्याशी को लेकर तरह-तरह की कानाफूसी

बाकी दलों से कोई वैश्य प्रत्याशी मैदान में नहीं है। इसके बावजूद कांग्रेस की स्थिति को लेकर जमानत तक न बचने वाली बातें लोग कर रहे हैं। शहर में उनका कहीं कोई प्रचार-प्रसार या जनसंपर्क दिखाई नहीं दे रहा है।

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कहीं गली-मुहल्ले में गोपनीय प्रचार-प्रसार से इंकार नहीं किया जा सकता है। लोगों के बीच सदर सीट पर प्रत्याशी और कुछ पदाधिकारियों की दूसरे दलों के लोगों से मेलजोल को लेकर कानाफूसी भी हो रही है।

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बांदा सदर से ज्यादा ताकत से तिंदवारी विधानसभा में लड़ रही है कांग्रेस

बांदा सदर से ज्यादा तो तिंदवारी विधानसभा सीट पर कांग्रेस का हो-हल्ला मचा है। वहां ब्राह्मण महिला चेहरा आदिशक्ति दीक्षित को कांग्रेस ने मैदान में उतारा है। कांग्रेस के पूर्व जिलाध्यक्ष राजेश दीक्षित की पत्नी हैं। ब्राह्मण समाज उनके समर्थन में एकजुट होता दिखाई दे रहा है। वहां कांग्रेस मैदान में है और लगातार जनसंपर्क चल रहा है। बांदा में पार्टी की यह हालत किसी के गले नहीं उतर रही है।

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