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यूपी नगर निकाय : ‘आरक्षण’ ने हरे ‘आश्वासनवीर नेताओं’ के संकट, कहीं चेहरे खिले तो कहीं मुंह लटके

मनोज सिंह शुमाली, ब्यूरो : नगर निकाय चुनाव 2022 का बिगुल फुंकने में चंद रोज बाकी हैं। दो दिन पहले अध्यक्षों की आरक्षण सूची भी जारी हो गई है। बुंदेलखंड में मनमाफिक आरक्षण न मिलने के कारण बड़ी संख्या में उम्मीदवार नेताओं के मुंह लटक गए हैं। वहीं बड़े-बड़ों आश्वासन वीरों के चेहरे खिल उठे हैं। दरअसल, आरक्षण ने ऐसे बड़े नेताओं के संकट हर लिए हैं, जो लंबे समय से आश्वासन बांट रहे थे। इनमें बीजेपी के आश्वासन वीर नेता सबसे पहले नबंर पर हैं।

आरक्षण की कैंची से दावेदारों की भीड़ कम

आरक्षण की कैंची से कई दावेदार खुद ही बाहर हो गए हैं। वहीं झूठे वादे वाले नेताओं ने राहत की सांस ली है। वजह यह है कि बड़े नेता बीते करीब 1 साल से नगर निकाय टिकट को लेकर एक-दो नहीं बल्कि कइयों से वादे कर चुके थे। अब इनकी परीक्षा की घड़ी थी जो काफी कठिन थी। ऐसे में आरक्षण की कैंची ने इनका काम आसान कर दिया। यही वजह है आश्वसन वीरों ने राहत की सांस ली है।

कुंटलों मिठाई, बड़े होर्डिंग्स पर फिरा पानी

इनमें कुछ ऐसे हैं जिन्होंने कुंटलों मिठाई बांट डाली। चौराहों पर बड़े-बड़े बैनर और होर्डिंग्स लगवा डाले। चुनाव लड़ते तो शायद जीत जाते, लेकिन आरक्षण सूची ने इनके सपनों पर पानी फेर दिया। कहीं सीट सामान्य हो गई है तो कहीं बैकवर्ड-एससी। आरक्षण की कैंची के चलते ताबड़तोड़ वादों वाले नेताओं की साख बच गई है, क्योंकि जब आरक्षण में ही पत्ता कट गया तो काहे का टिकट और काहे की मदद। बुंदेलखंड क्षेत्र में ऐसे आश्वासन वीर नेताओं को लेकर काफी चर्चाएं हो रही हैं। लोग खूब चटकारे ले-लेकर चर्चाएं कर रहे हैं।

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